भारत की आत्मनिर्भरता: मनोहर लाल का संदेश
मनोहर लाल का आत्मनिर्भरता पर जोर
- पहले हम तकनीक आयात करते थे, आज दुनिया भारत से सीख रही है: मनोहर लाल
- गुरुग्राम में पत्रकारों से बातचीत में कही यह बात
गुरुग्राम। केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि स्वदेशी हमारी संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। वर्तमान भारत आत्मविश्वास से भरा हुआ है। यह वही भारत है जो पहले दूसरों पर निर्भर था, लेकिन अब पीएम मोदी के नेतृत्व में 'मेक इन इंडिया' से 'मेक फॉर द वर्ल्ड' की ओर बढ़ रहा है। आज भारत में टैंक, तोप और ड्रोन का निर्माण हो रहा है। उन्होंने शुक्रवार को गुरुकमल भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह बातें कहीं। मनोहर लाल ने कहा कि 'मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड' का यह मंत्र रोजगार के अवसर पैदा करेगा, किसानों को नए मौके देगा और युवाओं को उद्यमिता की ओर प्रेरित करेगा। यह मंत्र गांवों से लेकर महानगरों तक नई ऊर्जा का संचार करेगा। उन्होंने कहा कि हम अब विदेशी वस्तुओं के पीछे भागने के बजाय अपनी जड़ों को पहचान रहे हैं।
स्वदेशी उद्योगों की स्थिति
हमारे उद्योग कमजोर हो गए और विदेशी निर्भरता बढ़ती चली गई
मनोहर लाल ने कहा कि दुनिया में योग, आयुर्वेद, हस्तशिल्प और पारंपरिक उद्योगों ने वैश्विक पहचान बनाई है। उन्होंने स्वतंत्रता के बाद की सरकारों की आलोचना की, जिन्होंने पश्चिमी विकास मॉडल को अपनाया और आयात पर निर्भरता बढ़ाई। इससे हमारे उद्योग कमजोर हुए। 1964 में दत्तोपंत ठेंगड़ी ने स्वदेशी चेतना को पुनर्जीवित किया और हमें बताया कि आर्थिक आत्मनिर्भरता ही सुरक्षा है। उन्होंने कहा कि आज 'मेक इन इंडिया', 'स्टार्टअप इंडिया', 'डिजिटल अवसंरचना' और 'वोकल फॉर लोकल' जैसे अभियान इसी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं।
स्वदेशी का नया स्वरूप
अब स्वदेशी का स्वरूप केवल खादी या दीये तक सीमित नहीं है
मनोहर लाल ने कहा कि स्वदेशी, स्वभाषा और स्वभूषा हमें याद दिलाती हैं कि हमारी शक्ति, संस्कृति और उद्योग-कुशलता ही भारत को आत्मनिर्भरता की ऊंचाइयों तक ले जाएगी। अब स्वदेशी का स्वरूप केवल खादी या दीये तक सीमित नहीं है। यह ब्रह्मोस मिसाइल से लेकर सेमीकंडक्टर तक, भारतीय भाषाओं और ज्ञान परंपराओं से लेकर विश्व स्तरीय वस्तुओं और शिल्प तक फैल चुका है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोरोना के दौरान जब दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाएं डगमगा गई थीं, तब भारत ने स्वदेशी वैक्सीन का निर्माण कर अपनी 140 करोड़ जनता को सुरक्षित किया और 100 से अधिक देशों को वैक्सीन मैत्री के तहत सहायता प्रदान की।