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भारत की जीडीपी विकास दर 6.8% रहने का अनुमान: वी अनंत नागेश्वरन

भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने आगामी दिनों में जीडीपी विकास दर 6.8% रहने का अनुमान लगाया है। उन्होंने जीएसटी 2.0 को एक ऐतिहासिक सुधार बताया, जो घरेलू मांग को बढ़ावा देगा। इसके अलावा, एसएंडपी ग्लोबल ने भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर विश्वास जताते हुए जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा है। जानें इस विषय में और क्या कहा गया है और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव के बारे में।
 

आर्थिक सलाहकार का बयान


जीएसटी सुधारों का सकारात्मक प्रभाव


भारत के मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन ने कहा है कि देश की जीडीपी विकास दर आने वाले समय में 6.8% रहने की उम्मीद है। उन्होंने एक कार्यक्रम में बताया कि जीएसटी 2.0 एक ऐतिहासिक सुधार है, जो घरेलू मांग को बढ़ावा देगा। आयकर में कटौती और जीएसटी में कमी का संयुक्त प्रभाव 2.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक होगा।


हालांकि, कुछ अनिश्चितताएं इस प्रभाव को कम कर सकती हैं। नागेश्वरन ने कहा कि जीएसटी 2.0 सुधारों और बजट में घोषित आयकर राहत का अर्थव्यवस्था पर गुणात्मक प्रभाव पड़ेगा, जिससे वित्त वर्ष 2026 में वृद्धि दर 6.3 से 6.8% के ऊपरी स्तर की ओर बढ़ेगी। दूसरी तिमाही में जीडीपी वृद्धि दर लगभग 7% रहने की संभावना है।


एसएंडपी ग्लोबल का अनुमान

भारत वर्तमान में कई वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहा है, जिसमें अमेरिकी टैरिफ भी शामिल हैं। इसके साथ ही, रुपया भी गिरावट के साथ 88.82 रुपये प्रति डॉलर के निम्न स्तर पर पहुंच गया है। आर्थिक विशेषज्ञों का मानना है कि ये परिस्थितियाँ भारतीय अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती हैं।


फिर भी, अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर विश्वास जताते हुए चालू वित्त वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6.5% पर बरकरार रखा है। एजेंसी ने मजबूत घरेलू मांग और अनुकूल मानसून का हवाला दिया है।


आरबीआई की संभावित दरों में कटौती

एसएंडपी ने यह भी कहा कि इस वित्त वर्ष में आरबीआई से 25 आधार अंकों की कटौती की उम्मीद है। एजेंसी ने मुद्रास्फीति के अपने पूर्वानुमान को घटाकर 3.2% कर दिया है। अप्रैल से जून तिमाही में भारत की जीडीपी 7.8% की दर से बढ़ी। एसएंडपी ने कहा कि घरेलू मांग मजबूत बनी रहेगी, जो आयकर और जीएसटी में कटौती तथा सरकारी निवेश में तेजी से मदद मिलेगी।


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