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भारत की बांग्लादेश में राजनीतिक घटनाक्रम पर नजर

बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता फिर से बढ़ रही है, जिस पर भारत की नजर बनी हुई है। हाल में हुए बड़े विरोध प्रदर्शनों के बाद, भारतीय विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तलब किया। मंत्रालय ने बांग्लादेश में सुरक्षा हालात को लेकर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है। इसके साथ ही, एनसीपी नेता हसनत अब्दुल्ला की भारत विरोधी बयानबाजी भी चर्चा का विषय बनी हुई है। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और भारत की प्रतिक्रिया।
 

बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तलब किया गया


विदेश मंत्रालय ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तलब किया


नई दिल्ली: बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता फिर से बढ़ती दिखाई दे रही है, जिस पर भारत की नजर बनी हुई है। हाल ही में बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए, जहां विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने उग्र प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग की। इस दौरान उन्होंने भारतीय दूतावास की ओर बढ़ने की भी कोशिश की।


इस घटनाक्रम के जवाब में, भारतीय विदेश मंत्रालय ने बुधवार को बांग्लादेश के उच्चायुक्त रियाज हामिदुल्लाह को तलब किया। उन्हें बांग्लादेश में बिगड़ते सुरक्षा हालात पर भारत की चिंताओं से अवगत कराया गया। मंत्रालय के एक बयान में कहा गया है कि उच्चायुक्त को विशेष रूप से कुछ चरमपंथी तत्वों की गतिविधियों पर ध्यान देने के लिए कहा गया है, जिन्होंने ढाका में भारतीय दूतावास के आसपास सुरक्षा संकट उत्पन्न करने की योजना बनाई है।


बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर आरोप

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत बांग्लादेश में हाल की घटनाओं के संबंध में चरमपंथी तत्वों द्वारा फैलाए जा रहे झूठे दावों को पूरी तरह से खारिज करता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अंतरिम सरकार ने न तो गहन जांच की है और न ही इन घटनाओं के संबंध में भारत के साथ कोई ठोस सबूत साझा किए हैं।


मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत का बांग्लादेश के लोगों के साथ घनिष्ठ और मित्रवत संबंध है। हम बांग्लादेश में शांति और स्थिरता के पक्षधर हैं और स्वतंत्र, निष्पक्ष, समावेशी और विश्वसनीय चुनाव कराने पर जोर देते हैं। विदेश मंत्रालय ने अंतरिम सरकार से यह अपेक्षा की है कि वह अपने राजनयिक दायित्वों के अनुसार बांग्लादेश में मिशनों और दूतावासों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी।


एनसीपी नेता की भारत विरोधी बयानबाजी

यह समन राष्ट्रीय नागरिक पार्टी (एनसीपी) के नेता हसनत अब्दुल्ला द्वारा भारत विरोधी बयानबाजी के संदर्भ में जारी किया गया है। अब्दुल्ला ने एक सार्वजनिक भाषण में धमकी दी थी कि यदि बांग्लादेश अस्थिर होता है, तो वह पूर्वोत्तर के अलगाववादियों को शरण देंगे। वह अपने कड़े भारत विरोधी रुख के लिए जाने जाते हैं।


इससे पहले, भारत के दिल्ली स्थित बांग्लादेश दूतावास में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान बांग्लादेश का विजय दिवस मनाया गया। उच्चायुक्त एम रियाज हामिदुल्लाह ने बांग्लादेश की युवा पीढ़ी की आकांक्षाओं को पूरा करने की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।