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भारत की ब्रिक्स बैठक में जयशंकर का नेतृत्व, मोदी की अनुपस्थिति पर चर्चा

भारत की ब्रिक्स देशों की वर्चुअल बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर का नेतृत्व होगा, जबकि प्रधानमंत्री मोदी की अनुपस्थिति पर चर्चा हो रही है। हाल ही में मोदी की चीन यात्रा के दौरान जयशंकर की गैरमौजूदगी को लेकर सवाल उठे थे। इस बैठक में जयशंकर की भागीदारी को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं, खासकर अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के साथ टैरिफ विवाद के संदर्भ में। यह देखना दिलचस्प होगा कि आगामी संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में कौन प्रतिनिधित्व करता है, जिससे जयशंकर और मोदी के बीच संतुलन की स्थिति स्पष्ट होगी।
 

ब्रिक्स देशों की वर्चुअल बैठक में भारत का नेतृत्व

आठ सितंबर को होने वाली ब्रिक्स देशों की वर्चुअल बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर करेंगे। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा के दौरान जयशंकर की अनुपस्थिति पर सवाल उठे थे। जब मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच बातचीत हो रही थी, तब पुतिन के साथ उनके विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव मौजूद थे, जबकि मोदी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल थे। इस दौरान जयशंकर की गैरमौजूदगी को लेकर चर्चा हुई थी। हाल के दिनों में यह बात भी सामने आई थी कि डोवाल और जयशंकर के बीच प्रतिस्पर्धा चल रही है। सोशल मीडिया पर यह धारणा बनी हुई है कि किसी करीबी व्यक्ति ने मोदी को धोखा दिया है। अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जयशंकर के साथ संतुलन बनाने का प्रयास किया जा रहा है।


ब्राजील की बैठक में जयशंकर की भागीदारी

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ पर चर्चा के लिए ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डीसिल्वा ने एक वर्चुअल बैठक आयोजित की थी। प्रारंभ में यह कहा गया था कि प्रधानमंत्री मोदी इसमें भाग लेंगे, लेकिन उनकी जगह जयशंकर को भेजा गया। संभवतः सरकार ने ट्रंप के साथ विवाद को मोदी के स्तर तक नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया है, इसलिए जयशंकर को शामिल किया गया है। इस बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि इस महीने के अंत में होने वाली संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में कौन प्रतिनिधित्व करता है। पहले यह जानकारी थी कि प्रधानमंत्री मोदी महासभा की 80वीं बैठक में भाग लेंगे, लेकिन अब यह भी संभावना जताई जा रही है कि जयशंकर भी इसमें शामिल हो सकते हैं। यदि ऐसा होता है, तो विवाद की खबरें ठंडे बस्ते में चली जाएंगी या माना जाएगा कि जयशंकर ने इस दौर में जीत हासिल की है।