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भारत की रक्षा खरीद में बड़ा कदम: 1.05 लाख करोड़ की योजनाओं को मिली मंजूरी

भारत ने हाल ही में 1.05 लाख करोड़ रुपये की रक्षा खरीद योजनाओं को मंजूरी दी है, जो स्वदेशी प्रणालियों पर आधारित हैं। यह कदम क्षेत्रीय तनाव और सुरक्षा चुनौतियों का सामना करने के लिए उठाया गया है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में 10 प्रमुख प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई। सेना को आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम और अन्य महत्वपूर्ण उपकरणों की खरीद से उसकी ऑपरेशनल तैयारी को मजबूत करने में मदद मिलेगी। जानें इस महत्वपूर्ण निर्णय के बारे में और अधिक जानकारी।
 

भारत की रक्षा तैयारियों में नया मोड़

भारत अब बढ़ते क्षेत्रीय तनाव, चीन की आक्रामकता और पाकिस्तान की साजिशों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। इस दिशा में एक महत्वपूर्ण खबर सामने आई है, जिसमें रक्षा अधिग्रहण परिषद ने 1.05 लाख करोड़ रुपये की रक्षा खरीद योजनाओं को मंजूरी दी है। यह सभी खरीद स्वदेशी रूप से विकसित और निर्मित प्रणालियों से की जाएंगी। 3 जुलाई 2025 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में डीएसी की बैठक में 10 प्रमुख रक्षा प्रस्तावों को हरी झंडी दी गई।


सेना को मिलेगा स्वदेशी मोबाइल एयर डिफेंस सिस्टम

करीब 1.05 लाख करोड़ रुपये की 10 रक्षा खरीद की जरूरत को स्वदेशी स्रोतों से मंजूरी मिली है। एक अधिकारी ने बताया कि आर्ड और मैकेनाइज्ड इंफेंट्री के लिए एक ऐसा एयर डिफेंस सिस्टम चाहिए जो चलते समय भी फायर कर सके। वर्तमान में, सेना के पास जो सबसे नया एयर डिफेंस सिस्टम है, वह 90 के दशक का तंगुश्का है।


आधुनिक एयर डिफेंस की आवश्यकता

आर्ड के पास अब नई पीढ़ी की गाड़ियां हैं जो तेज गति से चलती हैं, इसलिए एयर डिफेंस के मॉडर्नाइजेशन की आवश्यकता है। क्यूआरएसएएम की रेंज लगभग 30 किलोमीटर है। इसका प्लेटफॉर्म बीडीएल द्वारा विकसित किया जा रहा है और उपकरण डीआरडीओ द्वारा निर्मित किया जा रहा है। यह एक टैंक की तरह दिखेगा जिसमें मिसाइल फायर करने का लॉन्चर होगा। सेना को इसकी तीन रेजिमेंटें प्राप्त होंगी। इसके अलावा, डीएएस ने बख्तरबंद रिकवरी वाहन, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और तीनों सेनाओं के लिए साझा इन्वेंट्री प्रबंधन प्रणाली की खरीद को भी मंजूरी दी है। ये सभी खरीद ऑपरेशनल तैयारी को मजबूत करेंगी।