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भारत की सरकार ने खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की योजना बनाई

भारत की सरकार खालिस्तानी आतंकियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई की योजना बना रही है। यह कदम उन आतंकियों को निशाना बनाने के लिए है, जो फर्जी दस्तावेजों के माध्यम से विदेशों में छिपे हुए हैं। गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय मिलकर इस योजना को लागू करने की तैयारी कर रहे हैं, जिसमें वांछित आतंकियों के खिलाफ ठोस सबूत जुटाने पर जोर दिया जाएगा। जानें इस योजना के पीछे की रणनीति और इसके संभावित प्रभाव।
 

खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी

नई दिल्ली: केंद्र सरकार अब उन खालिस्तानी आतंकियों और उनके सहयोगियों के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कदम उठाने की योजना बना रही है, जो विदेशों में छिपे हुए हैं। खुफिया एजेंसियों के सहयोग से, विदेश मंत्रालय (MEA) जल्द ही अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और अन्य यूरोपीय देशों को सूचित करेगा कि भारत के कई वांछित खालिस्तानी आतंकियों ने फर्जी पासपोर्ट और पहचान पत्रों का सहारा लिया है।


सरकार इन देशों पर दबाव बनाने की योजना बना रही है ताकि आतंकियों को भारत को सौंपा जा सके। इस रणनीति के तहत उन भगोड़ों को निशाना बनाया जाएगा, जिन्होंने भारतीय कानून से बचने के लिए नकली दस्तावेजों का उपयोग कर विदेश भागने का प्रयास किया है।


यह विषय हाल ही में दिल्ली में आयोजित इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) की राष्ट्रीय सुरक्षा कॉन्फ्रेंस में भी चर्चा का केंद्र बना था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सभी राज्यों की पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों को निर्देश दिया था कि वे ऐसे खालिस्तानी आतंकियों और गैंगस्टरों की एक विस्तृत सूची तैयार करें, जो नकली दस्तावेजों के आधार पर विदेशों में शरण लिए हुए हैं।


पिछले कुछ वर्षों में कई ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां खालिस्तानी तत्वों ने फर्जी पहचान पत्रों के जरिए अन्य देशों की यात्रा की। एक प्रमुख उदाहरण खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर का है, जिसे जून 2023 में कनाडा में हत्या कर दी गई थी। जांच में पता चला कि निज्जर ने 1997 में 'रवि शर्मा' के नाम से फर्जी पासपोर्ट पर कनाडा की यात्रा की थी।


इसी वर्ष मार्च में, उत्तर प्रदेश पुलिस ने बब्बर खालसा इंटरनेशनल (BKI) से जुड़े आतंकी लाजर मसीह को गिरफ्तार किया, जो दिल्ली के एक गैंग से फर्जी पासपोर्ट बनवाकर विदेश भागने की योजना बना रहा था। इससे पहले, फरवरी 2025 में, यूपी एटीएस ने पीलीभीत में एक ऐसे नेटवर्क का भंडाफोड़ किया था, जो खालिस्तानी समर्थकों के लिए फर्जी वीजा और दस्तावेज तैयार करता था।


एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आईबी कॉन्फ्रेंस के बाद गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय मिलकर इस योजना पर औपचारिक कार्रवाई करेंगे। सरकार का अगला कदम हर वांछित आतंकी और गैंगस्टर के खिलाफ ठोस सबूत जुटाना है, ताकि यह साबित किया जा सके कि उन्होंने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वीजा या शरण प्राप्त की है। इन्हीं सबूतों के आधार पर संबंधित देशों से प्रत्यर्पण के लिए औपचारिक बातचीत की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।