भारत की सर्जिकल कार्रवाई के बाद पाकिस्तान की उरी पर गोलाबारी, CISF ने बचाई नागरिकों की जान
भारत की सर्जिकल कार्रवाई और पाकिस्तान का जवाब
नई दिल्ली: भारत ने पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी ठिकानों पर 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत कार्रवाई की, जिसके कुछ घंटों बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (LOC) के निकट उरी पनबिजली संयंत्र पर हमला करने का प्रयास किया। यह हमला केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) की तत्परता और साहस के कारण विफल रहा। CISF ने मंगलवार को जानकारी दी कि इस घटना में कोई नुकसान नहीं हुआ और महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संपत्ति को सुरक्षित रखा गया।
CISF की बहादुरी और नागरिकों की सुरक्षा
घटना के बाद, CISF ने उन 19 बहादुर कर्मियों को सम्मानित किया, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में संयंत्र की सुरक्षा सुनिश्चित की और सैकड़ों नागरिकों की जान बचाई।
उरी में तनाव और पाक की गोलाबारी
CISF ने बताया कि भारतीय सेना ने 6-7 मई 2025 की रात पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकवादी ठिकानों पर 'ऑपरेशन सिंदूर' चलाया था। यह कार्रवाई 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में की गई थी, जिसमें कई नागरिकों की जान गई थी। भारत की इस कार्रवाई के बाद, पाकिस्तानी सेना ने भारतीय क्षेत्र पर तेज गोलाबारी शुरू कर दी, जिसमें उरी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट भी शामिल था।
CISF का साहसिक कार्य
गोलाबारी के बीच CISF का साहसिक प्रदर्शन
कमांडेंट रवि यादव के नेतृत्व में CISF की यूनिट ने गोलाबारी के दौरान संयंत्र की सुरक्षा सुनिश्चित की और दुश्मन के ड्रोनों को निष्क्रिय किया।
अस्त्र-शस्त्रों के भंडार को सुरक्षित कर संभावित नुकसान को रोका गया।
प्रोजेक्ट पर हमले की कोशिशों को विफल किया गया।
यह कार्रवाई उच्च स्तर की पेशेवरता और अद्भुत शांतचित्तता का उदाहरण रही।
250 नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया, कोई हताहत नहीं।
गोलाबारी के दौरान, CISF कर्मी आवासीय क्षेत्रों में पहुंचे, जहां कई गोले गिरने का खतरा था। उन्होंने घर-घर जाकर लोगों को सुरक्षित बंकरों तक पहुंचाया। एक अधिकारी के अनुसार, लगभग 250 नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया, और इस दौरान किसी की जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।
CISF कर्मियों को सम्मानित किया गया
जवानों को DG Disc से सम्मानित
CISF के महानिदेशक ने मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में इन 19 कर्मियों को प्रतिष्ठित महानिदेशक डिस्क से सम्मानित किया। यह बल के सर्वोच्च सम्मानों में से एक है और असाधारण बहादुरी व सेवा को मान्यता देने के लिए दिया जाता है।