भारत के 5 ऐतिहासिक बैंक: जो आज भी हैं आर्थिक प्रणाली के स्तंभ
भारतीय बैंकिंग का गौरवमयी इतिहास
एक समय था जब भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में बैंकों के दिवालिया होने की घटनाएं चर्चा का विषय थीं। लेकिन आजादी के 77 साल बाद भी भारत में कुछ ऐसे बैंक हैं जिनकी स्थापना ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी। ये बैंक न केवल मजबूती से खड़े हैं, बल्कि देश की आर्थिक संरचना का महत्वपूर्ण हिस्सा भी बन चुके हैं। डिजिटल बैंकिंग और इंटरनेट के इस युग में भी, इन बैंकों ने अपनी सेवाओं को आधुनिकता के साथ जोड़ा है और आम जनता की वित्तीय आवश्यकताओं को पूरा किया है।
भारत में बैंकिंग सेवाओं का इतिहास बहुत पुराना है और इसकी विकास यात्रा भी उतनी ही दिलचस्प है। आइए जानते हैं भारत के उन 5 सबसे पुराने बैंकों के बारे में, जिन्होंने न केवल देश की आर्थिक रीढ़ को मजबूत किया, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बनाई।
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI)
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, जिसे आज हम देश का सबसे बड़ा सार्वजनिक बैंक मानते हैं, की शुरुआत 1806 में 'बैंक ऑफ कलकत्ता' के नाम से हुई थी। बाद में इसका नाम 'बैंक ऑफ बंगाल' रखा गया और अंततः 1955 में इसे स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के रूप में पुनः स्थापित किया गया। यह भारत का पहला बैंक था जिसने पूरे देश में वित्तीय सेवाएं प्रदान करने का कार्य शुरू किया और आज भी इसकी शाखाएं हर कोने में मौजूद हैं।
इलाहाबाद बैंक
इलाहाबाद बैंक की स्थापना 1865 में ब्रिटिश शासन के दौरान कुछ यूरोपीय व्यापारियों द्वारा की गई थी। यह भारत का एकमात्र बैंक था जो लंबे समय तक स्वतंत्र रूप से संचालित होता रहा। हालांकि, 2020 में इसे इंडियन बैंक में विलीन कर दिया गया, लेकिन आज भी इलाहाबाद बैंक का नाम देश के सबसे पुराने बैंकों की सूची में प्रमुखता से दर्ज है।
पंजाब नेशनल बैंक (PNB)
पंजाब नेशनल बैंक की स्थापना 1894 में लाहौर (जो अब पाकिस्तान में है) में हुई थी। इसे लाला लाजपत राय, लाल हरकिशन लाल और अन्य राष्ट्रवादी नेताओं ने मिलकर स्थापित किया था। यह पहला स्वदेशी बैंक था जिसे पूरी तरह से भारतीयों द्वारा चलाया गया और जिसने स्वतंत्रता संग्राम के दौरान देशभक्तों की आर्थिक सहायता की।
केनरा बैंक
केनरा बैंक की स्थापना 1906 में बेंगलुरु में अम्मेमबाल सुब्बाराव पाई द्वारा की गई थी। इस बैंक ने दक्षिण भारत में बैंकिंग की नींव को मजबूत किया। 1969 में इसका राष्ट्रीयकरण किया गया और तब से यह देश के प्रमुख सार्वजनिक बैंकों में से एक बन गया।
इंडियन बैंक
इंडियन बैंक की स्थापना भी 1906 में हुई थी। इसे ब्रिटिश शासन के दौरान भारतीयों द्वारा स्थापित पहला बैंक माना जाता है। 1946 में, इंडियन बैंक ने लंदन में अपनी पहली विदेशी शाखा खोली, जिससे यह भारत का पहला बैंक बन गया जिसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।