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भारत के अंतरिक्ष मिशन में शुभांशु शुक्ला की महत्वपूर्ण भूमिका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभांशु शुक्ला से वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बात की, जो अंतरिक्ष में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। शुभांशु ने स्पेस स्टेशन पर सात विशेष वैज्ञानिक प्रयोग किए हैं, जिनमें से एक स्टेम सेल्स पर आधारित है। पीएम मोदी ने इसे गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय बताया। जानें इस ऐतिहासिक मिशन के बारे में और शुभांशु की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में।
 

पीएम मोदी की शुभांशु शुक्ला से बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से शुभांशु शुक्ला से संवाद किया, जो भारत का अंतरिक्ष में प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने शुभांशु की उपलब्धियों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह मिशन विकसित भारत के सपने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। पीएम ने शुभांशु से कहा कि आपके अनुभव गगनयान, स्पेस स्टेशन और चंद्रमा मिशन जैसे महत्वपूर्ण अभियानों में भारत को बहुत सहायता प्रदान करेंगे।


शुभांशु के वैज्ञानिक प्रयोग

यूनिक वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे हैं शुभांशु


शुभांशु शुक्ला ने जानकारी दी कि वह स्पेस स्टेशन पर सात विशेष वैज्ञानिक प्रयोग कर रहे हैं। इनमें से पहला प्रयोग स्टेम सेल्स पर आधारित है, जो अंतरिक्ष में ग्रैविटी की कमी के कारण होने वाले मसल लॉस को रोकने के लिए सप्लीमेंट की भूमिका का परीक्षण करेगा। इस प्रयोग का उपयोग भविष्य में बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल में किया जा सकता है। दूसरा प्रयोग माइक्रोवेल ग्रोथ से संबंधित है, जो धरती पर खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने में सहायक हो सकता है।


गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय

“गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय”


प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऐतिहासिक मिशन को भारत की नई उड़ान का आधार बताया। उन्होंने कहा कि भारत अब केवल अंतरिक्ष में उड़ान नहीं भरेगा, बल्कि पूरी दुनिया के लिए नई अंतरिक्ष संभावनाओं के द्वार खोलेगा। उन्होंने शुभांशु की यात्रा को “गगनयान मिशन की सफलता का पहला अध्याय” कहा और इसे भारत के स्पेस मिशन को नई गति और मजबूती देने वाला बताया।