भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का Axiom-4 मिशन: अंतरिक्ष में नई पहचान
Axiom-4 मिशन की उड़ान की तैयारी
लंबे इंतज़ार और कई बार की देरी के बाद, भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनके तीन साथी बुधवार को Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। स्पेसएक्स ने पुष्टि की है कि आज मौसम की स्थिति 90% तक अनुकूल है और सभी तकनीकी सिस्टम सही तरीके से काम कर रहे हैं।
स्पेसएक्स ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर जानकारी साझा की कि "Ax-4 मिशन के लिए सभी तकनीकी व्यवस्थाएं सही हैं और मौसम भी बहुत अच्छा है।" यह एक प्राइवेट क्रू मिशन है, जो NASA, SpaceX और Axiom Space के सहयोग से संचालित हो रहा है।
कैनेडी स्पेस सेंटर से होगा लॉन्च
कैनेडी स्पेस सेंटर से होगा मिशन लॉन्च
यह मिशन फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स 39A से बुधवार को भारतीय समयानुसार दोपहर 12:01 बजे फाल्कन-9 रॉकेट के माध्यम से लॉन्च किया जाएगा। इसके बाद चारों अंतरिक्ष यात्री स्पेसएक्स के आधुनिक ड्रैगन यान में ISS की ओर प्रस्थान करेंगे।
NASA के अनुसार, स्पेस यान का डॉकिंग भारतीय समयानुसार शाम 4:30 बजे के आसपास होने की संभावना है। इस ऐतिहासिक मिशन की कमान NASA की पूर्व अंतरिक्ष यात्री और वर्तमान में Axiom Space की ह्यूमन स्पेसफ्लाइट डायरेक्टर पैगी व्हिटसन संभालेंगी।
भारतीय पायलट शुभांशु शुक्ला
भारतीय गौरव शुभांशु शुक्ला होंगे मिशन के पायलट
इस मिशन में भारत के इसरो (ISRO) से प्रशिक्षित अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पायलट की भूमिका निभा रहे हैं। शुभांशु के अंतरिक्ष में जाने से भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम को वैश्विक पहचान मिलने की उम्मीद है। उनके साथ मिशन स्पेशलिस्ट के रूप में पोलैंड के ईएसए प्रोजेक्ट के स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के HUNOR प्रोग्राम के टिबोर कपू भी शामिल हैं।
लॉन्च में देरी के कारण
देरी के पीछे तकनीकी और मौसम संबंधी कारण
Ax-4 मिशन की लॉन्चिंग में पहले कई बार देरी हुई। इसे पहले 29 मई को लॉन्च किया जाना था, लेकिन खराब मौसम के कारण इसे टाल दिया गया। इसके बाद जून में तीन बार—8, 10 और 11 जून को—फिर से तारीखें बदली गईं। स्पेसएक्स के रॉकेट में तकनीकी परीक्षण और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के रूसी मॉड्यूल में लीक की वजह से उड़ान में देरी हुई।
भारत की निजी अंतरिक्ष उड़ानों में नई दिशा
निजी अंतरिक्ष उड़ानों में भारत की बड़ी छलांग
Axiom-4 मिशन भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह पहली बार है जब एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री किसी निजी अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा बन रहा है। इससे भारत को कमर्शियल स्पेसफ्लाइट सेक्टर में नई ताकत मिल सकती है और ISRO के भविष्य के गगनयान मिशन के लिए भी अनुभव प्राप्त होगा।