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भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए यात्रा

भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए अपनी पहली यात्रा के अंतिम चरण में हैं। एक्सिओम-4 मिशन के तहत, उन्होंने प्रक्षेपण से पहले सफलतापूर्वक ड्रेस रिहर्सल किया। इस मिशन का नेतृत्व अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन कर रही हैं। फाल्कन-9 रॉकेट 10 जून 2025 को प्रक्षिप्त होगा, जिसमें भारत, अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्री शामिल होंगे। शुक्ला ने इस अनुभव को अद्भुत बताया और इसे भारत के लिए गर्व का क्षण माना।
 

शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष यात्रा

शुभांशु शुक्ला: भारत के अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए अपनी पहली यात्रा के अंतिम चरण में हैं। एक्सिओम-4 (एक्स-4) मिशन के तहत, शुक्ला और उनकी टीम ने प्रक्षेपण से पहले पूर्ण ड्रेस रिहर्सल सफलतापूर्वक पूरा किया। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। 


एक्स-4 मिशन का नेतृत्व अनुभवी अंतरिक्ष यात्री पैगी व्हिटसन कर रही हैं। चालक दल ने स्पेसएक्स के फ्लाइट सूट पहनकर प्रक्षेपण की पूरी प्रक्रिया का अभ्यास किया। असेंबली भवन से लेकर ड्रैगन अंतरिक्ष यान में प्रवेश तक, सभी चरणों को प्रक्षेपण के दिन की तरह ही दोहराया गया। 



शुभांशु शुक्ला का अनुभव: 


शुभांशु शुक्ला ने इस अनुभव को "अद्भुत यात्रा" बताया। उन्होंने कहा, "यह एक अद्भुत यात्रा रही है; ये ऐसे क्षण हैं जो वास्तव में आपको बताते हैं कि आप किसी ऐसी चीज का हिस्सा बनने जा रहे हैं जो आपसे कहीं बड़ी है। मैं केवल इतना कह सकता हूं कि इसका हिस्सा बनकर मैं कितना भाग्यशाली हूं।


मिशन का प्रक्षेपण कब होगा?


फाल्कन-9 रॉकेट, जो ड्रैगन अंतरिक्ष यान को ले जाएगा, मंगलवार, 10 जून 2025 को भारतीय समयानुसार शाम 5:54 बजे प्रक्षिप्त होगा। यह 14 दिवसीय वैज्ञानिक अभियान भारत, अमेरिका, पोलैंड और हंगरी के अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक ले जाएगा। यह ड्रैगन अंतरिक्ष यान की पहली उड़ान है, जो इस मिशन के लिए विशेष रूप से तैयार किया गया है। साथ ही, फाल्कन-9 का पहला चरण, जो पहले एक स्टारलिंक मिशन को लॉन्च कर चुका है, फ्लोरिडा के केप कैनावेरल स्पेस फोर्स स्टेशन पर लैंडिंग ज़ोन 1 (LZ-1) पर उतरेगा। 



वैज्ञानिक अनुसंधान और उद्देश्य:


अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर अपने प्रवास के दौरान, चालक दल 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग करेगा। इन प्रयोगों में मानव अनुसंधान, पृथ्वी अवलोकन, और जीवन, जैविक, तथा भौतिक विज्ञान से संबंधित अध्ययन शामिल हैं। ये प्रयोग अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में नई खोजों को बढ़ावा देंगे और मानवता के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करेंगे। 


शुभांशु शुक्ला: भारत का गौरव:


लखनऊ में जन्मे शुभांशु शुक्ला, जिन्हें "शक्स" के नाम से जाना जाता है, अंतरिक्ष की यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय होंगे। 1984 में राकेश शर्मा ने सोवियत सोयूज अंतरिक्ष यान से अंतरिक्ष में आठ दिन बिताए थे। शुक्ला अपने आदर्श राकेश शर्मा के नक्शेकदम पर चलते हुए भारत का नाम रोशन करने के लिए तैयार हैं। एक्सिओम-4 मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक मील का पत्थर है।