भारत के उप-राष्ट्रपति चुनाव: राजनीतिक समीकरण और रणनीतियों का परीक्षण
भारत के उप-राष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को होने जा रहे हैं, जिसमें एनडीए के सी.पी. राधाकृष्णन और विपक्ष के बी. सुधर्शन रेड्डी आमने-सामने हैं। यह चुनाव केवल एक पद के लिए नहीं है, बल्कि यह देश की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलावों का संकेत भी है। जानें इस चुनाव का महत्व, मतदान प्रक्रिया और संभावित परिणामों के बारे में।
Sep 8, 2025, 19:23 IST
उप-राष्ट्रपति चुनाव का महत्व
भारत के उप-राष्ट्रपति चुनाव, जो 9 सितंबर को होने जा रहा है, केवल एक चुनावी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह देश की राजनीति में गहरे बदलावों का संकेत भी है। इस बार एनडीए ने महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' ने पूर्व सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश बी. सुधर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। दोनों पक्षों ने अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।इस चुनाव में सबसे बड़ा सवाल यह है कि किस उम्मीदवार को अधिक समर्थन मिलेगा। एनडीए के सी.पी. राधाकृष्णन के पक्ष में संख्या बल अधिक दिख रहा है, लेकिन 'इंडिया' गठबंधन भी अपनी पूरी ताकत लगा रहा है। इस चुनाव में कुल 782 वोट हैं, जिनमें से 240 वोट राज्यसभा से और 542 वोट लोकसभा से आएंगे। बहुमत के लिए 392 वोटों की आवश्यकता होगी।
मतदान 9 सितंबर को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा, और परिणाम उसी दिन शाम 6 बजे से घोषित किए जाएंगे। यह चुनाव न केवल एक पद के लिए है, बल्कि यह दोनों प्रमुख गठबंधनों के भविष्य की दिशा को भी निर्धारित करेगा। यदि एनडीए जीतता है, तो यह उसकी राजनीतिक ताकत को और बढ़ाएगा, जबकि 'इंडिया' की जीत विपक्ष के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश होगी।