भारत के गायब शहर: इतिहास की अनकही कहानियाँ
भारत के गायब शहर
भारत के गायब शहर: भारतीय इतिहास में कई ऐसे महानगर हैं, जो अब अस्तित्व में नहीं हैं। इनमें द्वारका, लोथल और कालीबंगन जैसे शहर शामिल हैं, जो पहले व्यापार, आध्यात्मिकता और शक्ति के केंद्र थे। लेकिन अब ये शहर पूरी तरह से गायब हो चुके हैं। इसके पीछे कई कारण हैं, जैसे प्राकृतिक आपदाएँ और युद्ध।
द्वारका: भगवान कृष्ण की नगरी द्वारका समुद्र में समा चुकी है। जल स्तर में वृद्धि के कारण यह पूरी तरह से डूब गई है। इसे 'भगवान कृष्ण की नगरी' के नाम से जाना जाता है।
लोथल (गुजरात): यह शहर लगभग 2400 ईसा पूर्व सिंधु घाटी सभ्यता का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। यह उस समय का प्रमुख व्यापारिक स्थल था, जो मोतियों और आभूषणों का निर्यात करता था। नदी के मार्ग में बदलाव और बाढ़ के कारण यह धीरे-धीरे समाप्त हो गया। अब यहां केवल खंडहर बचे हैं।
विजयनगर (हम्पी, कर्नाटक): 14वीं शताब्दी में विजयनगर साम्राज्य की भव्य राजधानी थी। यहां के महल, बाजार और सिंचाई प्रणालियाँ अद्वितीय थीं। 1565 में तालिकोटा की लड़ाई के बाद इसे पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया।
फतेहपुर सीकरी (उत्तर प्रदेश): सम्राट अकबर ने 16वीं शताब्दी में इसे अपनी राजधानी बनाया था। यह फारसी, भारतीय और इस्लामी वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है। लेकिन पानी की कमी के कारण यह केवल 14 वर्षों में वीरान हो गया। आज भी इसके खंडहर मौजूद हैं।
कालीबंगन (राजस्थान): यह भी सिंधु घाटी सभ्यता का एक महत्वपूर्ण शहर था, जो सूखी घग्गर नदी के किनारे स्थित था। यह अपनी अग्नि वेदियों और प्रारंभिक कृषि प्रथाओं के लिए प्रसिद्ध था। भारी बाढ़ या नदी के मार्ग में बदलाव के कारण इसका अस्तित्व समाप्त हो गया।