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भारत के नए मुख्य न्यायाधीश की सैलरी और सुविधाएं: जानें पूरी जानकारी

भारत के नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत की नियुक्ति के साथ, उनकी सैलरी और सुविधाओं के बारे में जानने की जिज्ञासा बढ़ गई है। जानें कि सीजेआई को कितनी सैलरी मिलती है, उनके भत्ते क्या हैं, और रिटायरमेंट के बाद उन्हें क्या-क्या सुविधाएं प्राप्त होती हैं। इस लेख में हम आपको सभी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं।
 

मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस सूर्यकांत को भारत के 53वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया है। उनका कार्यकाल 14 महीने तक चलेगा। इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्ति के साथ ही आम जनता में यह जानने की जिज्ञासा बढ़ जाती है कि भारत के चीफ जस्टिस और सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों को कितनी सैलरी और क्या-क्या सुविधाएं मिलती हैं। सरकारी नियमों और वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार, सीजेआई को वेतन के साथ-साथ कई विशेष भत्ते और सुरक्षा भी प्रदान की जाती है।


वेतन और भत्तों का इतिहास

वेतन और भत्तों की वर्तमान संरचना को समझने के लिए हमें 2016 में वापस जाना होगा, जब केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों के वेतन में बदलाव किया गया था। इसके बाद, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 22 नवंबर 2017 को जजों के वेतन, भत्ते और पेंशन में संशोधन के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इन परिवर्तनों के बाद जजों के वेतन ढांचे में महत्वपूर्ण बदलाव आया है।


मुख्य न्यायाधीश की सैलरी

आंकड़ों के अनुसार, वर्तमान में भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) को 2,80,000 रुपये प्रतिमाह की बेसिक सैलरी मिलती है। इसके अतिरिक्त, उन्हें मूल वेतन का 24 प्रतिशत हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और 45,000 रुपये प्रतिमाह सत्कार भत्ता (Sumptuary Allowance) भी दिया जाता है। इसके अलावा, सीजेआई को आवास के लिए 10 लाख रुपये का फर्निशिंग भत्ता भी मिलता है। रिटायरमेंट के बाद, उन्हें 16.80 लाख रुपये सालाना पेंशन, महंगाई राहत भत्ता और 20 लाख रुपये की ग्रेच्युटी भी मिलती है।


अन्य सुप्रीम कोर्ट जजों की सैलरी

सुप्रीम कोर्ट के अन्य न्यायाधीशों की सैलरी 2,50,000 रुपये प्रतिमाह होती है। इनका हाउस रेंट भत्ता भी मूल वेतन का 24 प्रतिशत है, लेकिन सत्कार भत्ता 34,000 रुपये प्रतिमाह होता है। इसके अलावा, सुप्रीम कोर्ट के जजों को फर्निशिंग अलाउंस के रूप में 8 लाख रुपये मिलते हैं। रिटायरमेंट के बाद, अन्य जजों की सालाना पेंशन 15 लाख रुपये होती है और उन्हें भी 20 लाख रुपये की ग्रेच्युटी मिलती है।