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भारत के समुद्री क्षेत्र में इलेक्ट्रिक ट्रकों का नया युग

केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने भारत के समुद्री क्षेत्र में इलेक्ट्रिक ट्रकों के पहले बेड़े का उद्घाटन किया। जेएनपीए का लक्ष्य दिसंबर 2026 तक अपने भारी वाहनों के 90 प्रतिशत ट्रकों को इलेक्ट्रिक में परिवर्तित करना है। इस पहल से न केवल लॉजिस्टिक क्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि यह पर्यावरण के प्रति भी जिम्मेदार है। जानें इस नई पहल के बारे में और कैसे यह भारत के बंदरगाहों को स्थिरता की दिशा में आगे बढ़ा रहा है।
 

भारत में इलेक्ट्रिक ट्रकों का आगाज

केंद्रीय मंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने गुरुवार को बताया कि भारत के समुद्री क्षेत्र ने वैश्विक विकास के साथ स्थिरता और दक्षता के नए मानक स्थापित किए हैं।


बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री ने जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (जेएनपीए) के न्हावा शेवा वितरण टर्मिनल पर इलेक्ट्रिक भारी ट्रकों के पहले बेड़े का उद्घाटन किया।


एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अब जेएनपीए के पास भारत के बंदरगाहों में सबसे बड़ा इलेक्ट्रिक ट्रक बेड़ा है, जो टिकाऊ लॉजिस्टिक क्षमता को बढ़ावा देने में सहायक है।


जेएनपीए का लक्ष्य दिसंबर 2026 तक अपने भारी वाहनों के बेड़े के 90 प्रतिशत ट्रकों को इलेक्ट्रिक में परिवर्तित करना है।


इस अवसर पर सोनोवाल ने कहा कि देशभर के बंदरगाह सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं, एलएनजी और हाइड्रोजन ईंधन अवसंरचना, और माल ढुलाई उपकरणों के विद्युतीकरण की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं।


जेएनपीए के चेयरपर्सन उन्मेष शरद वाघ ने कहा, 'भारत के सबसे बड़े कंटेनर बंदरगाह के संरक्षक के रूप में, हमारा दायित्व है कि हम ऐसे नवाचारों को अपनाएं जो आर्थिक गतिशीलता को पारिस्थितिक जिम्मेदारी के साथ संतुलित करें।'


उन्होंने यह भी कहा कि इलेक्ट्रिक ट्रकों का यह बेड़ा एक नए युग का प्रतीक बनेगा, जहां स्थिरता वृद्धि का एक साधन नहीं, बल्कि उसका आधार होगी।