भारत के होम इंटरनेट बाजार में 5 सालों में तेजी की उम्मीद
भारत का होम इंटरनेट बाजार
भारत तेजी से डिजिटल परिवर्तन की ओर अग्रसर है। फिक्स्ड ब्रॉडबैंड सेवाएं अब केवल बड़े शहरों तक सीमित नहीं रहेंगी, बल्कि ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में भी पहुंचेंगी। सरकारी और निजी टेलीकॉम कंपनियों का सहयोग इंटरनेट बाजार की संरचना को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इससे लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी और सुविधाजनक इंटरनेट सेवाएं मिलेंगी। अगले 5 वर्षों में भारत के होम इंटरनेट बाजार में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
5 वर्षों में भारत के होम इंटरनेट बाजार में वृद्धि
भारत डिजिटल इंडिया की दिशा में तेजी से बढ़ रहा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अगले 5 वर्षों में भारत का वायर्ड और वायरलेस होम इंटरनेट बाजार कई बिलियन डॉलर तक पहुंचने की संभावना है। अनुमान है कि 2029 तक यह बाजार 16.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा।
वृद्धि के कारण
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत का होम इंटरनेट बाजार 2024 में 12.8 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा और 5.2% की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) के साथ 2029 तक 16.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। इस वृद्धि का मुख्य कारण फिक्स्ड ब्रॉडबैंड और फिक्स्ड वायरलेस एक्सेस (FWA) सेवाओं की बढ़ती मांग है।
जियो और एयरटेल की महत्वपूर्ण भूमिका
भारत के होम इंटरनेट बाजार में टेलीकॉम कंपनियों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। रिलायंस जियो और एयरटेल दोनों ही अपने ब्रॉडबैंड योजनाओं के माध्यम से बाजार में वृद्धि में योगदान देंगे। जियो की फाइबर टू दी होम (FTTH) सेवा का विस्तार होगा और 5G FWA सेवाएं भी तेजी से बढ़ेंगी। एयरटेल भी अपने ग्राहकों को बनाए रखने में सक्रिय रहेगा। 2025 तक जियो के 6.14 मिलियन ग्राहक और एयरटेल के 1.36 मिलियन ग्राहक होने की संभावना है।
ब्रॉडबैंड राजस्व में वृद्धि
रिपोर्ट के अनुसार, 2029 तक भारत में 94 प्रतिशत ब्रॉडबैंड कनेक्शन फाइबर ऑप्टिक लाइन पर होंगे। इसके लिए सरकारी निवेश और निजी कंपनियों की पहल आवश्यक होगी। शहरों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में फाइबर नेटवर्क का विस्तार भी इस वृद्धि में योगदान देगा। 2024 से 2029 के बीच ब्रॉडबैंड राजस्व में 5.7 प्रतिशत की CAGR से वृद्धि होने की उम्मीद है, जबकि फाइबर सेवाओं के राजस्व में 6.4 प्रतिशत की वृद्धि होगी।