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भारत को मिले नए अपाचे हेलीकॉप्टर, सुरक्षा में होगी मजबूती

भारत ने अमेरिका से एएच-64ई अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों की पहली खेप प्राप्त की है, जो जोधपुर एयरबेस पर तैनात किए जाएंगे। ये हेलीकॉप्टर न केवल पश्चिमी सीमाओं की निगरानी करेंगे, बल्कि दुश्मनों को प्रभावी जवाब देने में भी सक्षम होंगे। इस तैनाती से भारत की सैन्य ताकत में एक नया आयाम जुड़ गया है। जानें इस हेलीकॉप्टर की विशेषताएँ और इसके महत्व के बारे में।
 

भारत की सैन्य ताकत में नया आयाम

भारतीय थलसेना को एक महत्वपूर्ण ताकत मिली है। मंगलवार को अमेरिका से अत्याधुनिक एएच-64ई अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों की पहली खेप भारत पहुंची। ये हेलीकॉप्टर राजस्थान के जोधपुर एयरबेस पर तैनात किए जाएंगे, जहां से ये न केवल पश्चिमी सीमाओं की निगरानी करेंगे, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर दुश्मनों को प्रभावी जवाब देने में भी सक्षम होंगे।


अपाचे हेलीकॉप्टरों की तैनाती उस समय हो रही है जब भारत अपनी सीमाओं पर सुरक्षा को और मजबूत कर रहा है। जोधपुर एयरबेस की रणनीतिक स्थिति अब और भी महत्वपूर्ण हो गई है, खासकर पाकिस्तान से लगती सीमा की सुरक्षा के संदर्भ में। ये हेलीकॉप्टर थलसेना के पहले से स्थापित अपाचे स्क्वाड्रन का हिस्सा होंगे, जिसे लगभग 15 महीने पहले स्थापित किया गया था।


मंगलवार को अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोइंग ने भारतीय सेना को तीन अपाचे हेलीकॉप्टरों का आधिकारिक रूप से सौंपा। यह सौदा कुल छह हेलीकॉप्टरों का है, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 5,691 करोड़ रुपये है। रक्षा मंत्रालय के अनुसार, शेष तीन हेलीकॉप्टरों की आपूर्ति 2025 के अंत तक पूरी की जाएगी।


एएच-64ई अपाचे हेलीकॉप्टर को दुनिया के सबसे शक्तिशाली और विश्वसनीय अटैक हेलीकॉप्टरों में से एक माना जाता है। अमेरिकी सेना द्वारा लंबे समय से उपयोग में लाए जा रहे इस बहुउद्देशीय हेलीकॉप्टर को दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमले के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें उन्नत टारगेटिंग सिस्टम, नाइट विजन, लंबी दूरी तक मार करने वाले हथियार और युद्ध के मैदान में उड़ान भरने की अद्भुत क्षमता शामिल है।