भारत को रूस का नया सैन्य तोहफा: आईएल 100 स्लोन विमान
रूस का भारत को बड़ा तोहफा
जब एससीओ समिट में वैश्विक ध्यान रूस, चीन और भारत पर केंद्रित था, तब रूस ने भारत को एक महत्वपूर्ण उपहार दिया है, जिसने चीन और पाकिस्तान को चिंतित कर दिया है और अमेरिका में बेचैनी बढ़ा दी है। यह उपहार एक साधारण हथियार नहीं, बल्कि 100 टन का आईएल 100 स्लोन है, जो भारत को वैश्विक एयरलिफ्ट किंग बना सकता है। इस डील के तहत भारत को न केवल एक सुपर ट्रांसपोर्ट विमान मिलेगा, बल्कि एक गुप्त इंजन तकनीक भी प्राप्त होगी, जो भारत के एमका प्रोजेक्ट को नई ताकत प्रदान करेगी। जब पूरी दुनिया चीन के जे-20 और अमेरिका के एफ 35 की चर्चा में थी, तब रूस ने भारत को एक गुप्त प्रस्ताव दिया।
आईएल 100 स्लोन का महत्व
रूस ने भारत को दुनिया के सबसे शक्तिशाली मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट आईएल 100 स्लोन बनाने का निमंत्रण दिया है। यह प्रस्ताव केवल एक रक्षा सौदा नहीं, बल्कि एक रणनीतिक संदेश भी है। रूस का इरादा है कि वह भारत को सुपरपावर बनाने में मदद करेगा। भारत की रीढ़ माने जाने वाले आईएल 76, जो 1980 से सेवा में हैं, अब पुराना हो चुका है। आईएल 100 स्लोन, जो चार इंजन वाला और टी-टेल डिज़ाइन में है, 90,718 किलोग्राम तक की पेलोड क्षमता का वादा करता है, जो भारतीय वायुसेना के मौजूदा C-17 की क्षमता से अधिक है।
आईएल 100 स्लोन परियोजना का विकास
आईएल 100 स्लोन परियोजना, जिसका पेटेंट मई 2022 में हुआ, रूस द्वारा अपनी भारी परिवहन क्षमताओं के आधुनिकीकरण का प्रतीक है। इसे इल्युशिन डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा विकसित किया जा रहा है और इसे उल्यानोवस्क स्थित एविस्टार संयंत्र में निर्मित किया जाएगा। यह विमान पुराने सोवियत डिज़ाइनों की तकनीकी कमियों को दूर करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसके विभिन्न विन्यासों में 100 टन से अधिक के लक्षित पेलोड के साथ, इसे सैन्य तैनाती, उपकरण परिवहन और मानवीय मिशनों के लिए तैयार किया गया है।
PD-35 इंजन की विशेषताएँ
आईएल 100 स्लोन के केंद्र में PD-35 टर्बोफैन इंजन है, जिसे यूनाइटेड इंजन कॉर्पोरेशन की सहायक कंपनी द्वारा विकसित किया जा रहा है। यह इंजन प्रति यूनिट 35 मीट्रिक टन तक का थ्रस्ट प्रदान करता है। PD-35 में 18 उन्नत तकनीकें शामिल हैं, जैसे कि हल्के घटकों के लिए एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग और उच्च तापमान सहनशीलता। इसके गैस जनरेटर कोर का ग्राउंड परीक्षण 2021 में शुरू हुआ और पूर्ण डेमोस्ट्रेटर असेंबली 2023 के मध्य तक पूरी हो जाएगी।