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भारत-चीन के बीच 5 साल बाद फिर से शुरू होंगी सीधी उड़ानें, जानें क्या है इसका महत्व

भारत और चीन के बीच सीधी उड़ान सेवाएं पांच साल बाद फिर से शुरू होने जा रही हैं। यह निर्णय कोविड-19 महामारी के बाद लिया गया है, जब दोनों देशों के बीच उड़ानें निलंबित कर दी गई थीं। इस कदम को दोनों देशों के संबंधों को स्थिर करने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जानें इस पुनः शुभारंभ का यात्रियों और व्यापार पर क्या प्रभाव पड़ेगा और इसके पीछे के कारण क्या हैं।
 

सीधी उड़ान सेवाओं का पुनः शुभारंभ

भारत और चीन के बीच सीधी उड़ान सेवाओं को पांच साल के अंतराल के बाद फिर से बहाल किया जा रहा है। इस बात की जानकारी सरकार ने गुरुवार को दी। विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों देशों ने अक्टूबर के अंत से प्रमुख गंतव्यों के लिए सीधी उड़ानें शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है।


महामारी के कारण सेवाओं का निलंबन

2020 में महामारी के कारण सेवाएं निलंबित


यह कदम कोविड-19 महामारी के बाद पहली बार सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करने का है। 2020 में महामारी के चलते दोनों देशों के बीच उड़ान सेवाएं निलंबित कर दी गई थीं। इसके बाद गलवान घाटी में हुई झड़पों के कारण ये सेवाएं लंबे समय तक बहाल नहीं हो सकीं। अब, पांच साल बाद, नागरिक उड्डयन प्राधिकरणों ने तकनीकी स्तर पर चर्चा करके हवाई सेवाओं को फिर से शुरू करने और संशोधित हवाई सेवा समझौते पर सहमति बनाई है।


यात्रियों और व्यापार के लिए लाभ

विदेश मंत्रालय ने बताया कि दोनों देशों के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण इस साल की शुरुआत से ही सीधी उड़ानों को बहाल करने की प्रक्रिया में लगे थे। अक्टूबर के अंत तक इन उड़ानों के संचालन से यात्रियों और व्यापारिक क्षेत्रों को काफी लाभ होगा।


पिछले महीने चीनी विदेश मंत्री वांग यी की भारत यात्रा के दौरान भी यह निर्णय लिया गया था कि दोनों देशों के बीच डायरेक्ट फ्लाइट सेवाओं को फिर से शुरू किया जाएगा। इसे दोनों देशों के बीच संबंधों को स्थिर करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।


भारत और चीन के बीच महत्वपूर्ण निर्णय

भारत और चीन ने लिए कई निर्णय 


पिछले एक साल में भारत और चीन ने कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जिनमें 2024 के अंत तक देपसांग और डेमचोक में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों की वापसी शामिल है। इसके अलावा, दोनों देशों ने उच्च-स्तरीय राजनयिक और सैन्य बैठकें आयोजित की हैं, ताकि सीमा पर तनाव को कम किया जा सके और द्विपक्षीय संबंधों में सुधार किया जा सके।


सीधी उड़ानों के पुनः शुभारंभ से न केवल यात्रियों के लिए सुविधाएं बढ़ेंगी, बल्कि दोनों देशों के व्यापारिक और आर्थिक संबंधों को भी नई गति मिलने की संभावना है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत और चीन के बीच परस्पर विश्वास और सहयोग को मजबूत करने में महत्वपूर्ण साबित होगा।