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भारत डाक विभाग ने अमेरिका के लिए अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाएं फिर से शुरू करने की घोषणा की

भारत डाक विभाग ने 15 अक्टूबर 2025 से अमेरिका के लिए सभी श्रेणियों की अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाओं को फिर से शुरू करने की घोषणा की है। यह निर्णय अमेरिकी सीमा शुल्क के नए नियमों के पालन के बाद लिया गया है। डाक विभाग ने स्पष्ट किया है कि पार्सलों पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा, जिससे MSME सेक्टर और छोटे व्यापारियों को लाभ होगा। जानें इस निर्णय के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

भारत डाक विभाग की नई घोषणा


भारत डाक विभाग (India Post) ने मंगलवार को जानकारी दी कि वह 15 अक्टूबर 2025 से अमेरिका (USA) के लिए सभी प्रकार की अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाओं को पुनः आरंभ करेगा। यह निर्णय अमेरिकी सीमा शुल्क और सीमा सुरक्षा (US Customs and Border Protection - CBP) के नए नियमों का पालन सुनिश्चित करने के बाद लिया गया है।


डाक विभाग के अनुसार, अमेरिका भेजे जाने वाले सभी डाक पार्सल और कंसाइनमेंट्स पर घोषित मूल्य का 50 प्रतिशत फ्लैट कस्टम शुल्क (Customs Duty) लागू होगा। यह शुल्क अमेरिकी CBP की नई टैरिफ नीति के तहत निर्धारित किया गया है।


डाक विभाग ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि उन्हें यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि 15 अक्टूबर 2025 से अमेरिका के लिए सभी प्रकार की अंतरराष्ट्रीय डाक सेवाएं फिर से शुरू की जा रही हैं।


सेवाओं पर लगी रोक का अंत

यह ध्यान देने योग्य है कि भारत से अमेरिका के लिए डाक सेवाएं 22 अगस्त 2025 से अस्थायी रूप से निलंबित कर दी गई थीं। यह निलंबन अमेरिकी प्रशासन द्वारा जारी Executive Order 14324 के बाद किया गया था, जिसके तहत CBP ने डाक आयात शुल्क संग्रहण और प्रेषण के नए नियामक प्रावधान लागू किए थे।


भारत डाक ने स्पष्ट किया है कि वाणिज्यिक या कूरियर सेवाओं की तुलना में डाक माध्यम से भेजे जाने वाले पार्सलों पर कोई अतिरिक्त शुल्क या उत्पाद-विशेष कर नहीं लगाया जाएगा। इस नए शुल्क ढांचे से कुल शिपिंग लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी, जिससे MSME सेक्टर, कारीगरों, छोटे व्यापारियों और ई-कॉमर्स निर्यातकों को बड़ा लाभ मिलेगा।


डाक दरों में कोई परिवर्तन नहीं

डाक विभाग ने यह भी स्पष्ट किया कि ग्राहकों से Delivered Duty Paid (DDP) या अन्य पात्र सेवाओं के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। मौजूदा डाक दरें जस की तस रहेंगी, ताकि निर्यातक कम लागत में अपने उत्पाद अमेरिका भेज सकें और नए आयात नियमों का पालन भी सुनिश्चित कर सकें।


विभाग ने कहा कि इस निर्णय का उद्देश्य भारत की डाक प्रणाली के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय व्यापार को और मजबूत करना है। इससे न केवल भारतीय MSME क्षेत्र को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बढ़त मिलेगी, बल्कि 'मेक इन इंडिया' और 'लोकल टू ग्लोबल' जैसे अभियानों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।


विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका के साथ डाक सेवाओं की पुनर्बहाली से भारत के छोटे निर्यातकों के लिए व्यापारिक संभावनाएं बढ़ेंगी और डाक प्रणाली एक बार फिर कम लागत वाला विश्वसनीय निर्यात माध्यम बनकर उभरेगी।