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भारत ने अमेरिका के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में जवाबी शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा

भारत ने अमेरिका के खिलाफ डब्ल्यूटीओ में जवाबी शुल्क लगाने का प्रस्ताव पेश किया है। यह कदम अमेरिका द्वारा सुरक्षा कारणों से वाहन क्षेत्र में शुल्क बढ़ाने के जवाब में उठाया गया है। जानें इस प्रस्ताव के पीछे की वजह और अमेरिका के सुरक्षा उपायों का क्या प्रभाव है।
 

भारत का अमेरिका के खिलाफ कदम

भारत ने शुक्रवार को विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) के नियमों के तहत अमेरिका के खिलाफ जवाबी शुल्क लगाने का प्रस्ताव पेश किया है। अमेरिका ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए वाहन क्षेत्र में शुल्क बढ़ाए थे, जिसके जवाब में भारत ने यह कदम उठाया।


डब्ल्यूटीओ द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, भारत ने अमेरिका में निर्मित कुछ उत्पादों पर शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है, जो रियायतों या अन्य दायित्वों के निलंबन के रूप में होगा।


भारत ने डब्ल्यूटीओ के माल व्यापार परिषद को इस संबंध में सूचित किया है कि यह अधिसूचना अमेरिका द्वारा वाहन कलपुर्जों के आयात पर सुरक्षा उपायों को बढ़ाने से संबंधित है। अमेरिका ने 26 मार्च को यात्री वाहनों और हल्के ट्रकों के आयात पर 25 प्रतिशत शुल्क बढ़ाने का निर्णय लिया था, जो कि भारत से कुछ वाहन कलपुर्जों पर भी लागू होगा। ये सुरक्षा उपाय 3 मई, 2025 से अनिश्चितकाल के लिए प्रभावी रहेंगे।


हालांकि, अमेरिका ने इन सुरक्षा उपायों को डब्ल्यूटीओ को सूचित नहीं किया है, लेकिन भारत का कहना है कि ये उपाय व्यापार और शुल्क पर सामान्य समझौते (गैट) 1994 और सुरक्षा उपायों पर समझौते के अनुरूप नहीं हैं। भारत ने यह भी स्पष्ट किया है कि इन शुल्कों पर चर्चा नहीं होने के कारण, वह रियायतों या अन्य दायित्वों को निलंबित करने का अधिकार सुरक्षित रखता है।