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भारत ने तालिबान शासन के चार साल बाद खोला काबुल में दूतावास

भारत ने तालिबान शासन के चार साल बाद काबुल में अपने दूतावास को फिर से खोलने की घोषणा की है। यह कदम अफगानिस्तान की संप्रभुता का समर्थन करते हुए, दोनों देशों के बीच संबंधों में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के साथ बैठक के बाद यह घोषणा की। भारत ने अफगानिस्तान को 20 एम्बुलेंस देने का भी निर्णय लिया है। इस बैठक में सीमा पार आतंकवाद पर भी चर्चा हुई, जिसमें अफगानिस्तान ने भारत के खिलाफ किसी भी साजिश को रोकने का आश्वासन दिया।
 

भारत का नया रणनीतिक कदम

नई दिल्ली: तालिबान के शासन के चार वर्ष पूरे होने के बाद, भारत ने अफगानिस्तान के प्रति अपनी चुप्पी तोड़ते हुए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद काबुल में भारतीय दूतावास को फिर से खोलने की घोषणा की। इसके साथ ही, भारत ने 2021 के बाद पहली बार अफगानिस्तान की संप्रभुता का समर्थन भी किया है।


यह महत्वपूर्ण बैठक नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में आयोजित की गई, जहां जयशंकर ने कहा कि भारत हमेशा अफगानिस्तान के लोगों के साथ खड़ा रहा है और भविष्य में भी विकास और मानवीय सहायता का कार्य जारी रखेगा। उन्होंने यह भी बताया कि अफगानिस्तान में पहले से रुके हुए भारतीय परियोजनाओं को फिर से शुरू किया जाएगा। एक सद्भावना के प्रतीक के रूप में, भारत ने अफगानिस्तान को 20 एम्बुलेंस देने की घोषणा की है।


यह घोषणा भारत की अफगान नीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है। 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद, भारत ने 'देखो और इंतजार करो' की नीति अपनाई थी। अब इस नए ऐलान के साथ, भारत उन कुछ देशों में शामिल हो गया है, जिनका काबुल में पूर्ण दूतावास कार्यरत है, जैसे रूस और पाकिस्तान।


बैठक में सीमा पार आतंकवाद पर भी चर्चा हुई। जयशंकर ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अफगानिस्तान के हालिया सहयोग की सराहना की, विशेषकर पहलगाम हमले की निंदा करने के लिए। अफगान विदेश मंत्री मुत्ताकी ने भारत को आश्वासन दिया कि अफगानिस्तान की धरती का उपयोग भारत के खिलाफ किसी भी साजिश के लिए नहीं होने दिया जाएगा। आमिर खान मुत्ताकी तालिबान शासन के पहले विदेश मंत्री हैं, जो आधिकारिक दौरे पर नई दिल्ली आए हैं, जो दोनों देशों के बीच संबंधों के सामान्य होने का स्पष्ट संकेत है।