×

भारत ने पाकिस्तान की धमकियों पर दी कड़ी प्रतिक्रिया

भारत ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की धमकियों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तानी नेताओं को अपनी जुबान पर नियंत्रण रखने की सलाह दी है, साथ ही चेतावनी दी है कि किसी भी दुस्साहस के गंभीर परिणाम होंगे। इस बीच, सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के भारत के निर्णय पर पाकिस्तान के नेताओं ने हमले की धमकी दी है। जानें इस विवाद के पीछे की पूरी कहानी और भारत की स्थिति।
 

भारत की सख्त चेतावनी

नई दिल्ली। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर द्वारा भारत को दी जा रही धमकियों पर भारत ने गुरुवार को कड़ा जवाब दिया। भारत ने पाकिस्तानी नेताओं को अपनी जुबान पर नियंत्रण रखने की सलाह दी। भारत ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि पाकिस्तान ने कोई गलत कदम उठाया, तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। उल्लेखनीय है कि जनरल मुनीर ने अमेरिका यात्रा के दौरान परमाणु और मिसाइल हमलों का जिक्र किया था, जबकि शहबाज शरीफ ने भी इसी तरह की धमकी दी है.


विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया

पाकिस्तानी नेताओं के इन बयानों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि पाकिस्तानी नेता भारत के खिलाफ गैर-जिम्मेदार, युद्ध भड़काने वाले और नफरत फैलाने वाले बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा, 'पाकिस्तानी नेता अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए बार-बार ऐसे बयान देते हैं। उन्हें अपनी जुबान पर नियंत्रण रखना चाहिए, क्योंकि यदि उन्होंने कोई गलत कदम उठाया, तो उसके परिणाम बहुत गंभीर होंगे।'


सिंधु जल समझौते पर विवाद

हाल ही में भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के निर्णय पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो ने भारत के खिलाफ बयान दिए हैं और हमले की धमकी दी है। इस पर जायसवाल ने कहा कि भारत मध्यस्थता न्यायालय की वैधता को नहीं मानता और यह निर्णय भारत के जल उपयोग के अधिकारों को प्रभावित नहीं करेगा।


पाकिस्तान के दावों का खंडन

रणधीर जायसवाल ने पाकिस्तान के दावों को भी खारिज किया। उन्होंने कहा, 'जैसा कि 27 जून 2025 की प्रेस विज्ञप्ति में उल्लेख किया गया था, सिंधु जल संधि भारत सरकार के निर्णय के कारण स्थगित है। यह कदम पाकिस्तान के पहलगाम हमले सहित सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देने के जवाब में उठाया गया था।' उल्लेखनीय है कि पहलगाम में आतंकवादियों ने 26 भारतीय नागरिकों की हत्या कर दी थी, जिसके बाद भारत ने कई कठोर कदम उठाए थे, जिनमें से एक सिंधु जल संधि को स्थगित करना भी था।