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भारत ने पीओके में पाक सेना की बर्बरता पर उठाया सवाल

भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पाकिस्तानी सेना की बर्बरता को लेकर गंभीर चिंता जताई है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि पाकिस्तान निर्दोष नागरिकों पर अत्याचार कर रहा है। पीओके में पिछले कुछ दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शनों में 12 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदर्शनकारी सरकार पर बुनियादी अधिकारों की अनदेखी और महंगाई को नियंत्रित न कर पाने का आरोप लगा रहे हैं। इस बीच, इस्लामाबाद में पत्रकारों पर पुलिस द्वारा किए गए हमले की भी खबरें आई हैं। जानें पूरी कहानी।
 

भारत का पाकिस्तान पर आरोप

नई दिल्ली। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आम नागरिकों पर पाकिस्तानी सेना की क्रूरता को लेकर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पाकिस्तान निर्दोष लोगों पर अत्याचार कर रहा है। उन्होंने कहा, 'हमने पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के विभिन्न क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शनों की खबरें देखी हैं। यह पाकिस्तान के दमनकारी रवैये और इन क्षेत्रों से संसाधनों की लूट का परिणाम है। पीओके पर उसका जबरन और अवैध कब्जा है। पाकिस्तान को मानवाधिकारों के उल्लंघन के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।'


पीओके में चल रहे विरोध प्रदर्शन

यह ध्यान देने योग्य है कि पीओके में पिछले पांच दिनों से बुनियादी आवश्यकताओं पर सब्सिडी में कटौती के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। प्रदर्शनकारी सरकार पर मौलिक अधिकारों की अनदेखी और महंगाई को नियंत्रित न कर पाने का आरोप लगा रहे हैं। इन प्रदर्शनों में अब तक 12 लोगों की जान जा चुकी है। ये प्रदर्शन जम्मू कश्मीर जॉइंट अवामी एक्शन कमेटी की अपील पर हो रहे हैं, जिसमें लोग राजधानी मुजफ्फराबाद की ओर मार्च कर रहे हैं। उन्होंने सरकार के सामने 38 मांगें रखी हैं, जिनमें पीओके विधानसभा की 12 रिजर्व सीटें समाप्त करने की मांग भी शामिल है। प्रदर्शनकारियों ने बुधवार को सुरक्षा बलों के 25 सैनिकों को बंधक बना लिया और उनका इस्तेमाल मानव ढाल के रूप में किया।


इस्लामाबाद में पत्रकारों पर हमला

इस बीच, पीओके में हो रही बर्बरता के खिलाफ इस्लामाबाद में प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों पर पाकिस्तान पुलिस ने बर्बरता से हमला किया है। पुलिस ने गुरुवार को इस्लामाबाद के प्रेस क्लब पर अचानक छापा मारा और वहां प्रदर्शन कर रहे पत्रकारों और अन्य लोगों पर हमला किया। यह प्रदर्शन पीओके में अत्याचारों और इंटरनेट ब्लैकआउट के खिलाफ हो रहा था। गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं, जबकि पुलिस का कहना है कि उन्होंने पत्रकारों को गलती से निशाना बनाया। गृह राज्य मंत्री ने प्रेस क्लब जाकर पत्रकारों से माफी भी मांगी है।