भारत ने यूएन में पाकिस्तान के दोहरे चरित्र का किया पर्दाफाश
भारत का कड़ा जवाब
नई दिल्ली: भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में पाकिस्तान के दोहरे चरित्र को उजागर करते हुए उस पर तीखा हमला किया। भारत ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान अपनी गलतियों, मानवाधिकारों के उल्लंघन और सीमा पार आतंकवाद को छिपाने के लिए झूठे आरोप लगा रहा है। भारत के स्थायी प्रतिनिधि, राजदूत परवथानेनी हरीश ने बच्चों और सशस्त्र संघर्ष (सीएसी) पर हुई खुली बहस में पाकिस्तान की गतिविधियों की निंदा की और कहा कि वह इस मंच का दुरुपयोग कर रहा है।
पाकिस्तान की निंदा
राजदूत हरीश ने कहा, "पाकिस्तान बिना किसी कारण के यूएन की प्रक्रियाओं पर सवाल उठा रहा है और भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है ताकि अपने देश में बच्चों पर हो रहे अत्याचारों और सीमा पार आतंकवाद से ध्यान भटका सके। हम इस प्रयास को पूरी तरह से अस्वीकार करते हैं।" उन्होंने पाकिस्तान को बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन करने वाला बड़ा गुनहगार बताया और कहा कि वह न केवल अपने देश में बच्चों के साथ अत्याचार करता है, बल्कि अफगानिस्तान की सीमा पर उसकी सैन्य कार्रवाइयों से भी बच्चे प्रभावित हो रहे हैं।
आतंकवाद और बच्चों पर जुल्म
उन्होंने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का उल्लेख किया, जिसमें 26 भारतीय पर्यटकों की जान गई। उन्होंने कहा, "दुनिया पाकिस्तानी और पाकिस्तान में प्रशिक्षित आतंकियों के इन क्रूर हमलों को नहीं भूली है।" उन्होंने सुरक्षा परिषद के 25 अप्रैल के बयान का हवाला दिया, जिसमें इस हमले के दोषियों, आयोजकों, फंड देने वालों और प्रायोजकों को दंडित करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया था।
भारत की जवाबी कार्रवाई
भारत के राजदूत ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख को दोहराते हुए 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर के तहत की गई जवाबी कार्रवाई का उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "भारत ने संतुलित और सटीक हमले किए, जिनमें नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया।" उन्होंने बताया कि इन हमलों में मारे गए लोगों को पाकिस्तान में सरकारी सम्मान के साथ दफनाया गया, जो वहां की आतंकवाद को बढ़ावा देने की नीति को दर्शाता है।
पाकिस्तान की दोहरी नीति
हरीश ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव की हालिया सीएसी रिपोर्ट का उल्लेख किया, जिसमें पाकिस्तान में बच्चों के खिलाफ गंभीर उल्लंघनों का जिक्र है। उन्होंने कहा, "महासचिव ने स्कूलों, विशेषकर लड़कियों के स्कूलों, स्वास्थ्यकर्मियों पर हमलों और अफगानिस्तान की सीमा पर बच्चों की हत्या और घायल होने की घटनाओं पर चिंता जताई है, जो पाकिस्तानी सेना की सीमा पार गोलीबारी और हवाई हमलों के कारण हुईं।"
जम्मू-कश्मीर पर भारत का रुख
उन्होंने मई 2025 में भारतीय सीमावर्ती गांवों पर पाकिस्तानी सेना की गोलीबारी की निंदा की, जिसमें नागरिकों की मौतें और चोटें आईं। उन्होंने कहा, "ऐसी हरकतों के बाद इस मंच पर उपदेश देना घोर दोहरापन है।" अपने बयान के अंत में, हरीश ने जम्मू-कश्मीर पर भारत का दृढ़ रुख दोहराया और कहा, "जम्मू-कश्मीर का पूरा केंद्र शासित प्रदेश हमेशा भारत का अभिन्न और अटूट हिस्सा था, है और रहेगा, चाहे पाकिस्तान कितने ही झूठ फैलाए।"