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भारत-नेपाल सीमा पर नशीली दवाओं की बड़ी बरामदगी, तीन तस्कर गिरफ्तार

भारत-नेपाल सीमा पर ठूठीबारी बार्डर पर पुलिस और एसएसबी की संयुक्त टीम ने नशीली दवाओं की एक बड़ी खेप बरामद की है। इस कार्रवाई में तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें एक भारतीय और दो नेपाली नागरिक शामिल हैं। बरामद सामग्री में विभिन्न प्रकार की नशीली दवाएं और बड़ी मात्रा में नकदी शामिल है। इस घटना ने सीमावर्ती क्षेत्रों में नशे के बढ़ते कारोबार की चिंता को और बढ़ा दिया है। पुलिस अब इस नेटवर्क के बड़े सरगनाओं की तलाश में जुटी है।
 

नशे के कारोबार का नया मामला

महराजगंज। भारत-नेपाल की खुली सीमा एक बार फिर नशीले पदार्थों के कारोबार का केंद्र बन गई है। ठूठीबारी बार्डर पर रविवार रात को पुलिस और एसएसबी की संयुक्त टीम ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए भारी मात्रा में नशीली दवाओं का जखीरा बरामद किया है। इस दौरान तीन तस्करों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें एक भारतीय और दो नेपाली नागरिक शामिल हैं। बरामद सामग्री में 58 ऑनरेक्स सिरफ, 413 नशीली इंजेक्शन, 2615 कैप्सूल, 2 लाख 83 हजार 30 रुपए नेपाली मुद्रा, 2960 रुपए भारतीय मुद्रा और नेपाली नंबर प्लेट वाली दो बाइक शामिल हैं।


मुखबिर की सूचना पर की गई इस छापेमारी में ठूठीबारी कोतवाली पुलिस और 22वीं वाहिनी एसएसबी के जवान शामिल थे। टीम ने पिलर संख्या 506 के पास तीन संदिग्ध व्यक्तियों को घेराबंदी कर पकड़ा। गिरफ्तार आरोपितों की पहचान सूरज खरवार (ठूठीबारी), चेत नारायण चौधरी और कुल नारायण चौधरी (नवलपरासी, नेपाल) के रूप में हुई है।


इस कार्रवाई में शामिल टीम में एसएसबी इंस्पेक्टर अभय कुमार यादव, रामधनेश यादव, देवेंद्र कुशवाहा और कोतवाली के उपनिरीक्षक विक्की कुमार, बबन वर्मा, मृत्युंजय तिवारी और बलवंत यादव शामिल रहे।


कोतवाली प्रभारी महेंद्र मिश्रा ने बताया कि सभी नशीली दवाओं, बाइक और करेंसी को जब्त कर आरोपितों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उन्हें जेल भेज दिया गया है।


युवाओं में नशे की बढ़ती लत

नशे की गिरफ्त में युवा पीढ़ी

भारत-नेपाल सीमा से लगे गांवों में युवा वर्ग तेजी से नशे की चपेट में आ रहा है। सोनौली, ठूठीबारी, भैरहवा, बुटवल और नवलपरासी क्षेत्र में नशीली दवाओं का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है। 11 से 30 वर्ष के बच्चे और युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं। बढ़ती मांग के कारण तस्करों का हौसला बढ़ रहा है, जिससे सीमावर्ती क्षेत्रों की युवा पीढ़ी बर्बादी की ओर बढ़ रही है।


तस्करी के नए तरीके

बदल रहे हैं तस्करी के तौर-तरीके

सूत्रों के अनुसार, अब तस्कर मोबाइल लोकेशन के जरिए डिलीवरी पॉइंट तय करते हैं। दवाओं को झोले और बैग में छिपाकर पगडंडियों के रास्ते सीमा पार भेजा जाता है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों के लिए इनकी गतिविधियों पर नजर रखना मुश्किल हो रहा है।


बड़े सरगनाओं की तलाश

बड़े सरगना की तलाश में जुटी टीम

पुलिस और एसएसबी के जवान इस नेटवर्क के बड़े सरगनाओं तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। महराजगंज के पुलिस अधीक्षक सोमेंद्र मीना ने बताया कि सीमावर्ती थानों को निर्देशित किया गया है कि नशे के कारोबार के खिलाफ लगातार अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि “जल्द ही इस अवैध नेटवर्क में शामिल बड़े तस्करों को गिरफ्तार किया जाएगा।”