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भारत पर अमेरिका का दबाव: रूस से तेल खरीद पर टैरिफ का मुद्दा

अमेरिका ने भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए दबाव बढ़ा दिया है, जिसमें 50 प्रतिशत का टैरिफ शामिल है। उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने इस कदम का उद्देश्य रूस की तेल आय को कम करना बताया है। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अमेरिका की नीति को पक्षपातपूर्ण करार दिया है, यह कहते हुए कि चीन जैसे अन्य देश भी रूस से तेल खरीद रहे हैं। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और भारत की स्थिति क्या है।
 

अमेरिका का भारत पर दबाव

अमेरिका लगातार भारत पर दबाव बना रहा है कि वह रूस से तेल खरीदना बंद करे। इस संदर्भ में, अमेरिका ने भारत पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है, जिसका उद्देश्य भारत को रूस के साथ व्यापार करने से रोकना है। अमेरिका यह संदेश देना चाहता है कि भारत की रूस से तेल खरीद यूक्रेन के खिलाफ रूस को वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है। इस मुद्दे पर अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान दिया। एनबीसी न्यूज के कार्यक्रम 'मीट द प्रेस' में उन्होंने कहा कि इन कदमों का उद्देश्य रूस की तेल आय को कम करना है ताकि वह युद्ध जारी न रख सके। जेडी वेंस ने यह भी कहा कि हाल ही में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई मुलाकात के बावजूद अमेरिका रूस-यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने में मध्यस्थता कर सकता है।


ट्रंप प्रशासन की रणनीति

जब जेडी वेंस से पूछा गया कि अमेरिका नए प्रतिबंध नहीं लगा रहा है, तो रूस पर दबाव कैसे बनेगा, उन्होंने कहा कि ट्रंप ने रूस पर आर्थिक दबाव बनाने के लिए भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगाया है। उनका कहना था कि ट्रंप का संदेश यह है कि यदि पुतिन हमले रोक दें, तो उन्हें वैश्विक अर्थव्यवस्था में फिर से शामिल किया जा सकता है। लेकिन यदि हमले जारी रहते हैं, तो उन्हें अलग थलग रहना पड़ेगा। ट्रंप प्रशासन भारत के रूस से कच्चे तेल की खरीद पर लगातार बयान दे रहा है।


भारत की स्थिति

भारत पर अमेरिका का दबाव बढ़ रहा है, जबकि चीन, जो रूस का सबसे बड़ा तेल खरीदार है, पर अमेरिका ने चुप्पी साध रखी है। यहां तक कि यूरोप भी रूस के साथ व्यापार कर रहा है, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही। इस संदर्भ में, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह अजीब है कि ट्रंप प्रशासन दूसरों पर व्यापार करने का आरोप लगा रहा है। उन्होंने कहा कि यदि अमेरिका को भारत से तेल खरीदने में कोई समस्या है, तो उसे न खरीदें। कोई भी आपको खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर रहा है।


जयशंकर का स्पष्ट बयान

एस जयशंकर ने यह भी स्पष्ट किया कि भारत अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा मुद्दा है जिस पर भारत समझौता नहीं करेगा। विदेश मंत्रालय ने बताया कि भारत अकेला ऐसा देश नहीं है जो रूस से तेल खरीद रहा है; चीन, यूरोपीय संघ और अन्य देशों के भी ऐसे संबंध हैं। जयशंकर ने अमेरिका की नीति को पक्षपातपूर्ण बताते हुए कहा कि चीन, जो रूस का सबसे बड़ा खरीदार है, को ऐसी व्यापारिक कार्रवाइयों का सामना नहीं करना पड़ा है।