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भारत पर ट्रंप के 50% टैरिफ: क्या यह अमेरिका-भारत संबंधों के लिए खतरा है?

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने की धमकी ने दोनों देशों के संबंधों में तनाव पैदा कर दिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम अमेरिका-भारत संबंधों के लिए दीर्घकालिक प्रभाव डाल सकता है। निक्की हेली और अन्य विशेषज्ञों ने इस नीति की आलोचना की है, यह कहते हुए कि भारत एक महत्वपूर्ण साझेदार है। क्या ट्रंप का यह निर्णय भारत को चीन के करीब ले जाएगा? जानें इस लेख में।
 

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार विवाद

India US trade: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपने निर्णयों के लिए आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, खासकर जब उन्होंने भारत पर रूस के साथ तेल व्यापार पर 25 प्रतिशत दंडात्मक शुल्क लगाने की धमकी दी। यह शुल्क पहले से लागू 25 प्रतिशत शुल्कों के अतिरिक्त है। ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में भारत को एशिया में चीन के खिलाफ अमेरिका का भू-राजनीतिक सहयोगी बनाने की उम्मीद थी।


भारत की स्थिति पर प्रभाव

हालांकि, 50 प्रतिशत आयात शुल्क ने भारत को अमेरिका का आर्थिक दुश्मन बना दिया है, जिससे उसे ब्रिक्स के अन्य सदस्यों के समान स्थिति में डाल दिया है। ट्रंप की टीम ने चीन को इस तरह की दंडात्मक कार्रवाइयों से बचाने का प्रयास किया है।


भविष्य की संभावनाएँ

भारत एक महत्वपूर्ण परिसंपत्ति

विशेषज्ञों का मानना है कि इस हमले का भारत-अमेरिका संबंधों पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ेगा। निक्की हेली ने कहा कि चीन को पीछे छोड़ने के लिए अमेरिका को भारत के साथ संबंधों को मजबूत करना चाहिए।


ट्रंप की नीतियों पर आलोचना

सबसे बड़ी गलती

भू-राजनीतिक विशेषज्ञ फरीद जकारिया ने ट्रंप की नीतियों की आलोचना की है, यह कहते हुए कि यह अमेरिका की सबसे बड़ी विदेश नीति गलती है। उन्होंने कहा कि भारत अब अमेरिका पर भरोसा नहीं कर सकता।


अर्थशास्त्रियों की राय

सबसे मूर्खतापूर्ण सामरिक चाल

अर्थशास्त्री जेफरी सैक्स ने भी ट्रंप के कदम की आलोचना की और इसे अमेरिकी विदेश नीति में एक मूर्खतापूर्ण कदम बताया।


कांग्रेस का दृष्टिकोण

टैरिफ टैंट्रम

वरिष्ठ अमेरिकी कांग्रेस सदस्य ग्रेगरी मीक्स ने भी ट्रंप की आलोचना की है, यह कहते हुए कि शुल्क संबंधी नखरे से अमेरिका और भारत के बीच संबंधों को खतरा हो सकता है।