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भारत-पाकिस्तान के बीच बैकडोर ट्रेड: व्यापारिक संबंधों की अनोखी कहानी

भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव के बावजूद व्यापारिक संबंध पूरी तरह खत्म नहीं हुए हैं। दोनों देश तीसरे देशों के माध्यम से बैकडोर ट्रेड कर रहे हैं, जिससे व्यापारिक गतिविधियाँ जारी हैं। हाल ही में पाकिस्तान ने भारत से आयात के आंकड़ों में वृद्धि की सूचना दी है, जबकि औपचारिक व्यापार संबंध 2019 से प्रभावित हैं। इस लेख में जानें कि कैसे तीसरे देशों की भूमिका व्यापार को प्रभावित कर रही है और इसके साथ जुड़ी चुनौतियाँ क्या हैं।
 

भारत और पाकिस्तान के व्यापारिक संबंध

भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक और कूटनीतिक संबंध हमेशा से तनावपूर्ण रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद व्यापारिक संपर्क पूरी तरह से खत्म नहीं हुए हैं। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दोनों देश एक तीसरे देश के माध्यम से 'बैकडोर ट्रेड' कर रहे हैं। इसका मतलब है कि सीमाओं के पार कारोबार जारी है। जबकि दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध ठप हैं, व्यापारिक गतिविधियाँ जारी हैं और तीसरे देश इस व्यापार के लिए 'सेतु' का काम कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, मई 2025 में जब भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य संघर्ष चल रहा था, तब भी दोनों देशों के बीच बैकडोर ट्रेड के जरिए व्यापार हो रहा था।


हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच सीधा व्यापार निलंबित है, संयुक्त अरब अमीरात (UAE), सिंगापुर और अफगानिस्तान जैसे देश 'ट्रांजिट पॉइंट' के रूप में कार्य कर रहे हैं। उदाहरण के लिए, पाकिस्तान भारत से आवश्यक दवाइयाँ, मसाले और चाय UAE से आयात करता है, जबकि भारत को कपास, खेल सामग्री और कुछ हस्तशिल्प वस्तुएं दुबई के माध्यम से मिल रही हैं।


पाकिस्तान में भारत से आयात का बढ़ता आंकड़ा

पाकिस्तानी समाचार पत्र ‘डॉन’ ने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के आंकड़ों का हवाला देते हुए बताया कि पिछले वित्त वर्ष 2024-25 के जुलाई से मई के दौरान भारत से आयात तीन साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वित्त वर्ष के पहले 11 महीनों में भारत से आयात कुल 21.15 करोड़ डॉलर रहा, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 20.7 करोड़ डॉलर और वित्त वर्ष 2022-23 में 19 करोड़ डॉलर से अधिक था। मई में, जब पहले सप्ताह में चार दिवसीय संघर्ष हुआ, तब आयात 1.5 करोड़ डॉलर रहा, जो पिछले साल इसी महीने के 1.7 करोड़ डॉलर से थोड़ा कम था। हालांकि, भारत को पाकिस्तान का निर्यात बहुत कम रहा।


औपचारिक व्यापार संबंधों का प्रभाव

भारत और पाकिस्तान के बीच औपचारिक व्यापार संबंध 2019 से प्रभावित हैं। 22 अप्रैल को पहलगाम आतंकी हमले के बाद, भारत ने कई कदम उठाए, जिसमें अटारी भूमि-पारगमन चौकी को बंद करना शामिल था। इसके जवाब में, पाकिस्तान ने भी घोषणा की कि 'भारत के साथ सभी व्यापार, जिसमें पाकिस्तान के माध्यम से किसी तीसरे देश के साथ व्यापार भी शामिल है, तुरंत निलंबित किया जाता है।'


हालांकि, तीसरे देशों से आयात की व्यवस्था बनी रही क्योंकि भारत में निर्मित कई दवाइयाँ, जीवनरक्षक औषधियाँ और कृषि-आधारित उत्पाद पाकिस्तान की आम जनता के लिए आवश्यक हैं। वहीं, भारत के व्यापारियों के लिए पाकिस्तान का कपास और कुछ विशेष वस्त्र आकर्षण का विषय हैं। छोटे और मध्यम स्तर के व्यापारियों के लिए यह लाभकारी है कि वे किसी न किसी माध्यम से व्यापार को चालू रखें, भले ही लागत बढ़ जाए।


बैकडोर ट्रेड की चुनौतियाँ

हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि तीसरे देशों के माध्यम से व्यापार की व्यवस्था अस्थायी, महंगी और अविश्वसनीय होती है। इससे न केवल लागत बढ़ती है बल्कि पारदर्शिता भी घटती है। इसके अतिरिक्त, इस प्रकार का व्यापार टैक्स चोरी, गलत इनवॉइसिंग और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी समस्याओं को जन्म देता है।


फिर भी, भारत और पाकिस्तान के बीच औपचारिक व्यापार का निलंबन व्यापारिक वर्गों के लिए एक चुनौती बना हुआ है। तीसरे देशों के माध्यम से व्यापार ने यह साबित किया है कि जब राजनीति दीवार खड़ी करती है, तब बाजार रास्ता खोज ही लेता है। हालांकि, किसी भी राष्ट्र के दीर्घकालिक हितों में पारदर्शी, सुरक्षित और औपचारिक व्यापारिक ढांचे का पुनर्निर्माण ही लाभकारी होगा।