भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच का बहिष्कार: राजनीतिक और सामाजिक प्रतिक्रियाएँ
भारत-पाकिस्तान मैच का बहिष्कार: एक नई बहस
भारत-पाकिस्तान मैच का बहिष्कार: एशिया कप 2025 में रविवार रात 8 बजे होने वाले भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच को लेकर क्रिकेट प्रेमियों में उत्साह है, लेकिन भारत के राजनीतिक दल और आतंकवाद के शिकार परिवार इसके बहिष्कार की मांग कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में 22 लोगों की जान गई थी। इस नृशंस घटना ने देशभर में आक्रोश पैदा किया और भारत ने पाकिस्तान से दूरी बनाने का निर्णय लिया। सरकार ने सिंधु जल संधि को भी स्थगित करने का ऐलान किया। सरकार का स्पष्ट संदेश है कि आतंकवाद और व्यापार एक साथ नहीं चल सकते।
ऑपरेशन सिंदूर: पहलगाम का प्रतिशोध
भारत ने मई में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया, जिसमें लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हिज़्बुल मुजाहिदीन के ठिकानों पर हमले किए गए। इन हमलों के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया। 10 मई को युद्धविराम हुआ। पहलगाम हमलों का पाकिस्तान से संबंध तब और स्पष्ट हुआ जब सुरक्षा बलों ने हमले में शामिल तीन आतंकवादियों को मार गिराया। गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, 'हमारे पास सबूत हैं कि ये तीनों पाकिस्तानी थे।'
विपक्ष की प्रतिक्रिया
भारत-पाकिस्तान क्रिकेट मैच की अनुमति मिलने के बाद से विपक्षी दलों ने सरकार के निर्णय की आलोचना की है। आलोचक इसे पहलगाम के पीड़ितों और सीमा पर शहीद हुए सैनिकों का अपमान मानते हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब तक आतंकवाद समाप्त नहीं होता, तब तक पाकिस्तान के साथ कोई संबंध नहीं होना चाहिए। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने सरकार के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ द्विपक्षीय क्रिकेट नहीं खेलेगा, लेकिन एशिया कप जैसे टूर्नामेंट में भाग लेना अनिवार्य है।
भारत की खेल नीति
हाल ही में जारी खेल नीति में भारत के पाकिस्तान के प्रति रुख को स्पष्ट किया गया है। इसमें द्विपक्षीय खेल संबंधों से इनकार किया गया है, लेकिन अंतरराष्ट्रीय और बहुपक्षीय टूर्नामेंट में मैचों की अनुमति दी गई है। नीति में कहा गया है कि भारतीय टीमें पाकिस्तान में प्रतियोगिताओं में भाग नहीं लेंगी और न ही पाकिस्तानी टीमों को भारत में खेलने की अनुमति दी जाएगी।
पीड़ित परिवारों की अपील
पहलगाम हमले में मारे गए व्यापारी शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशन्या ने लोगों से मैच का बहिष्कार करने की अपील की। उन्होंने इसे असंवेदनशील बताते हुए बीसीसीआई पर पीड़ित परिवारों की भावनाओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'बीसीसीआई के लिए उनकी शहादत का कोई महत्व नहीं है।'