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भारत-पाकिस्तान सीजफायर विवाद: पूर्व पाक विदेश मंत्री का बयान

भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दावों को पूर्व पाक विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने खारिज किया है। उन्होंने कहा कि यह सीजफायर दोनों देशों की सरकारों की आपसी समझ का परिणाम था, न कि किसी बाहरी दबाव का। जानें इस विवाद पर उनका क्या कहना है और कैसे दोनों देशों के बीच बेहतर संबंधों के लिए NSA स्तर की बातचीत की आवश्यकता है।
 

भारत-पाकिस्तान सीजफायर पर नई बहस

भारत-पाकिस्तान सीजफायर विवाद: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के लिए अपनी भूमिका का जिक्र किया है। उनका कहना है कि उनकी वजह से यह सीजफायर संभव हुआ, अन्यथा लाखों लोगों की जान जा सकती थी। हालांकि, भारत ने हमेशा ट्रंप और अमेरिका की भूमिका को नकारा है। अब पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी ने भी ट्रंप के दावों को खारिज किया है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, खुर्शीद महमूद कसूरी ने कहा कि भारत-पाकिस्तान सीजफायर किसी बाहरी दबाव या सैन्य निर्णय का परिणाम नहीं था, बल्कि यह दोनों देशों की सरकारों के बीच उच्च स्तर की आपसी समझ का नतीजा था। यह बात उन्होंने नई दिल्ली में आयोजित एक सेमिनार ‘भारत-पाकिस्तान संबंध: शांति के लिए संवाद’ में वर्चुअली संबोधित करते हुए कही। कसूरी ने कहा, “दोनों सरकारों ने यह समझा कि अब काफी हो चुका है। इसे समाप्त करना आवश्यक था। इसका श्रेय दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व को दिया जाना चाहिए।”

ट्रंप द्वारा मध्यस्थता के दावों को खारिज करते हुए कसूरी ने कहा, “यह पहली बार नहीं है जब अमेरिका ने हस्तक्षेप करने की कोशिश की है। इससे पहले भी रॉबर्ट गेट्स, बिल क्लिंटन, कोलिन पॉवेल और बराक ओबामा जैसे अमेरिकी नेता इसमें शामिल रहे हैं।” उन्होंने दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने के लिए NSA स्तर की गोपनीय बातचीत पर जोर दिया और कहा कि यदि NSA स्तर पर बातचीत संभव नहीं है, तो किसी ऐसे व्यक्ति को वार्ता करनी चाहिए जो दोनों प्रधानमंत्रियों का विश्वसनीय हो, ताकि अगला युद्ध रोका जा सके।