भारत में अमेरिका के नए राजदूत सर्जियो गोर की नियुक्ति से रिश्तों में नई ऊर्जा
भारत और अमेरिका के बीच कूटनीतिक संबंधों में नया मोड़
भारत में अमेरिका के राजदूत: भारत और अमेरिका के बीच कूटनीतिक संबंधों में एक नया अध्याय शुरू हुआ है। अमेरिका के राष्ट्रपति ने अपने करीबी सहयोगी सर्जियो गोर को भारत का अगला राजदूत नियुक्त किया है। गोर को दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों का विशेष दूत भी बनाया गया है। राष्ट्रपति ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर यह घोषणा की और कहा कि वे गोर पर अपने एजेंडे को सफल बनाने के लिए भरोसा करते हैं।
विश्लेषकों की नजर में महत्वपूर्ण नियुक्ति
विश्लेषकों ने इस नियुक्ति को अत्यंत महत्वपूर्ण और लाभकारी बताया है। वर्तमान में अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक मुद्दों को लेकर तनाव है। ऐसे में गोर की नियुक्ति से दोनों देशों के रिश्तों में नई ऊर्जा का संचार होने की उम्मीद है। अमेरिकी विश्लेषक माइकल कुगेलमैन ने कहा कि गोर की नियुक्ति यह दर्शाती है कि अमेरिका भारत को अपने क्षेत्रीय कूटनीतिक एजेंडे में प्राथमिकता दे रहा है।
भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि
भारत के लिए बड़ी जीत: निक्केई एशिया के पत्रकार केन मोरियासू ने इसे भारत के लिए एक बड़ी जीत बताया। अमेरिकी विश्लेषक लीसा कर्टिस ने कहा कि गोर का ट्रंप के साथ घनिष्ठ संबंध होना महत्वपूर्ण है। इससे दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव को कम करने में मदद मिलेगी, खासकर जब अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधिमंडल भारत में महत्वपूर्ण वार्ता के लिए आने वाला है।
भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूती
संबंधों को मजबूती: अमेरिका के उप रक्षा मंत्री एल्ब्रिज कॉल्बी ने भी इस नियुक्ति की सराहना की। उन्होंने कहा कि ट्रंप के विश्वसनीय सलाहकार सर्जियो गोर का भारत में राजदूत बनना एक शानदार कदम है, जो भारत-अमेरिका संबंधों को और मजबूत करेगा। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भी कहा कि गोर अमेरिका का उत्कृष्ट प्रतिनिधित्व करेंगे।
गोर का आभार और दृष्टिकोण
जीवन का सबसे बड़ा सम्मान: सर्जियो गोर ने अपनी नियुक्ति पर प्रतिक्रिया देते हुए राष्ट्रपति ट्रंप का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि अमेरिकी लोगों की सेवा करना उनके लिए गर्व की बात है और भारत में अमेरिका का प्रतिनिधित्व करना उनके जीवन का सबसे बड़ा सम्मान होगा। कूटनीतिक हलकों में यह माना जा रहा है कि गोर की नियुक्ति से व्यापारिक वार्ताओं का माहौल सकारात्मक होगा और भारत-अमेरिका साझेदारी और गहरी हो सकती है।