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भारत में ईंधन की कीमतें: 26 सितंबर 2025 की ताजा जानकारी

भारत में ईंधन की कीमतें आज भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा बनी हुई हैं। 26 सितंबर 2025 को, पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें विभिन्न शहरों में भिन्न हैं। जानें कि ये कीमतें कैसे निर्धारित होती हैं और उपभोक्ताओं तथा व्यवसायों पर उनका क्या प्रभाव पड़ता है। इस लेख में हम प्रमुख शहरों में ईंधन की कीमतों का अद्यतन और उन्हें प्रभावित करने वाले कारकों पर चर्चा करेंगे।
 

आज के ईंधन मूल्य: पेट्रोल और डीज़ल

भारत में ईंधन की कीमतें उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय बनी हुई हैं। पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें न केवल आम लोगों के बजट को प्रभावित करती हैं, बल्कि परिवहन और उद्योगों पर भी गहरा असर डालती हैं। आज, 26 सितंबर को, कीमतें स्थिर हैं, लेकिन विभिन्न कारकों के कारण इनमें उतार-चढ़ाव की संभावना बनी रहती है.


ईंधन की कीमतों का अद्यतन

भारत में ईंधन की कीमतें जून 2017 से गतिशील मूल्य प्रणाली के तहत प्रतिदिन सुबह 6:00 बजे अपडेट की जाती हैं। यह प्रणाली वैश्विक तेल कीमतों और मुद्रा विनिमय दरों के उतार-चढ़ाव को दर्शाती है। इस प्रणाली के कारण कीमतें वास्तविक समय में अंतरराष्ट्रीय बाजार के अनुरूप रहती हैं, लेकिन यह उपभोक्ताओं के लिए कभी-कभी अनिश्चितता का कारण बनता है.


प्रमुख शहरों में आज की कीमतें

आज, 26 सितंबर 2025 को देश के प्रमुख शहरों में ईंधन की कीमतें इस प्रकार हैं:



  • दिल्ली: पेट्रोल ₹94.77 प्रति लीटर, डीज़ल ₹87.67 प्रति लीटर

  • मुंबई: पेट्रोल ₹103.50 प्रति लीटर, डीज़ल ₹90.03 प्रति लीटर

  • कोलकाता: पेट्रोल ₹105.41 प्रति लीटर, डीज़ल ₹92.02 प्रति लीटर

  • चेन्नई: पेट्रोल ₹100.80 प्रति लीटर, डीज़ल ₹92.39 प्रति लीटर


इन कीमतों में भिन्नता विभिन्न राज्यों में लागू कर, परिवहन लागत और अन्य स्थानीय कारकों के कारण है.


ईंधन की कीमतों को प्रभावित करने वाले कारक

भारत अपनी 80% से अधिक तेल आवश्यकताओं के लिए आयात पर निर्भर है। इस कारण, वैश्विक तेल बाजार में होने वाले बदलाव सीधे घरेलू कीमतों को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा, निम्नलिखित कारक भी कीमतों पर असर डालते हैं:


केंद्रीय उत्पाद शुल्क: केंद्र सरकार द्वारा लगाया जाने वाला कर।
राज्य वैट: प्रत्येक राज्य में अलग-अलग वैल्यू एडेड टैक्स।
परिवहन लागत: ईंधन को रिफाइनरी से पंप तक पहुंचाने का खर्च।
रिफाइनिंग और डीलर मार्जिन: तेल कंपनियों और डीलरों का लाभ।


उपभोक्ताओं और व्यवसायों पर प्रभाव

वर्तमान में, पेट्रोल और डीज़ल को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है, जिसके कारण राज्य सरकारों का वैट कीमतों में बड़ा अंतर पैदा करता है। ईंधन की कीमतों में स्थिरता उपभोक्ताओं के लिए राहत की बात है, लेकिन कीमतें अभी भी कई शहरों में अधिक हैं। मुंबई और कोलकाता जैसे शहरों में पेट्रोल ₹100 प्रति लीटर से ऊपर है, जो आम आदमी के लिए बोझ बन रहा है। परिवहन, लॉजिस्टिक्स और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में ईंधन की लागत बढ़ने से उत्पादों की कीमतें भी बढ़ रही हैं.