भारत में क्वांटम टेक्नोलॉजी का भविष्य: हैकाथॉन 2025 में युवाओं की भागीदारी
क्वांटम टेक्नोलॉजी का महत्व
भारत की तकनीकी प्रगति में तेजी आ रही है, और अब देश का भविष्य 'क्वांटम टेक्नोलॉजी' पर निर्भर करेगा। यह जानकारी जेएनटीयू-काकीनाडा के कुलपति डॉ. सीएसआरके प्रसाद ने भीमावरम के एसआरकेआर इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित "अमरावती क्वांटम वैली हैकाथॉन 2025" के सेमीफाइनल में मुख्य अतिथि के रूप में साझा की। उन्होंने कहा कि तकनीकी विकास ने भारत को वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर पहुंचा दिया है। केंद्र और राज्य सरकारें क्वांटम टेक्नोलॉजी को एक चुनौती के रूप में स्वीकार कर रही हैं।डॉ. एम. जगपति राजू, कॉलेज के निदेशक, ने बताया कि केंद्र सरकार ने 2023 में 'नेशनल क्वांटम मिशन' की शुरुआत की है, जो इस तकनीक की महत्ता को दर्शाता है। कॉलेज के सचिव सागी रामकृष्ण निशांत वर्मा ने खुशी व्यक्त की कि राज्य सरकार ने उनके कॉलेज को गोदावरी जिले में एक क्षेत्रीय केंद्र के रूप में मान्यता दी है।
कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. केवी मुरली कृष्णम राजू ने कहा कि इस मिशन का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नवीनतम तकनीक भारत के हर कोने में पहुंचे, ताकि देश विकसित देशों के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सके।
कार्यक्रम के संयोजक डॉ. पी. रविकिरण वर्मा ने बताया कि इस हैकाथॉन में गोदावरी जिलों के 20 कॉलेजों के 240 छात्रों ने भाग लिया, जो यह दर्शाता है कि युवा नई तकनीक के प्रति कितने उत्साहित हैं।