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भारत में नए जीएसटी सुधारों का प्रभाव: टैक्स में कमी से उपभोक्ताओं को होगा लाभ

भारत में नए गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) सुधार सोमवार से लागू हो गए हैं, जिससे रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं और जीवन रक्षक दवाओं पर टैक्स में कमी आई है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बदलाव का उद्देश्य उपभोक्ताओं की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाना बताया है। 370 से अधिक उत्पादों पर टैक्स में कमी की गई है, जिसमें स्टेशनरी, खाद्य पदार्थ, और चिकित्सा उपकरण शामिल हैं। जानें इस नए सिस्टम का उपभोक्ताओं पर क्या प्रभाव पड़ेगा और किन उत्पादों पर टैक्स घटा है।
 

भारत का नया जीएसटी सिस्टम

भारत में नया गुड्स एंड सर्विस टैक्स सिस्टम सोमवार से प्रभावी हो गया है। इस सुधार के तहत रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं और जीवन रक्षक दवाओं सहित लगभग 370 उत्पादों पर टैक्स में कमी की गई है।


केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इस बदलाव का उद्देश्य उपभोक्ताओं की खर्च करने की क्षमता को बढ़ाना है, जिससे अर्थव्यवस्था में लगभग 2 लाख करोड़ रुपये का निवेश होगा।


अल्ट्रा-हाई टेम्परेचर (यूटीएच) दूध, प्री-पैकेज्ड और लेबल्ड छेना/पनीर, पिज्जा ब्रेड, खाखरा, चपाती/रोटी जैसे 50 से अधिक उत्पाद अब जीरो टैक्स श्रेणी में शामिल हो गए हैं।


कैंसर और दुर्लभ बीमारियों के लिए 33 आवश्यक दवाएं और उपचार अब जीएसटी के दायरे से बाहर हैं, जबकि कई अन्य दवाओं पर टैक्स दर को 12 प्रतिशत से घटाकर शून्य कर दिया गया है। डायग्नोस्टिक किट और ग्लूकोमीटर जैसे चिकित्सा उपकरणों पर अब केवल 5 प्रतिशत जीएसटी लागू होगा।


स्कूल और कार्यालय के लिए स्टेशनरी जैसे इरेज़र, पेंसिल, शार्पनर, क्रेयॉन, ग्राफ बुक और मानचित्रों पर जीएसटी दर को घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है।


मक्खन, बिस्कुट, कंडेंस्ड मिल्क, नमकीन, जैम, केचप, जूस, ड्राई फ्रूट्स, घी, आइसक्रीम और सॉसेज जैसे उपभोक्ता सामानों की कीमतें भी कम हो गई हैं।


बादाम, काजू, पिस्ता और खजूर जैसे ड्राई फ्रूट्स और नट्स पर अब 12 प्रतिशत के बजाय 5 प्रतिशत टैक्स लगेगा।


हाउसिंग के लिए सीमेंट पर टैक्स को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। हेयरकट, सैलून ट्रीटमेंट, योगा क्लास, जिम और हेल्थ क्लब जैसी सेवाओं पर भी कम दरें लागू होंगी।


इसके अतिरिक्त, जीरो जीएसटी श्रेणी में अब साबुन, शैम्पू, हेयर ऑयल, फेस क्रीम और शेविंग क्रीम जैसे उत्पाद भी शामिल हैं।


एयर कंडीशनर, टेलीविजन, वॉशिंग मशीन और डिशवॉशर जैसे किचन के सामान और इलेक्ट्रॉनिक्स पर जीएसटी को 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है।


सरकार ने राजस्व की कमी को पूरा करने के लिए सेस को जीएसटी में शामिल किया है और लग्जरी और सिन गुड्स पर 40 प्रतिशत टैक्स लगाया है।


1,200 सीसी (पेट्रोल) या 1,500 सीसी (डीजल) से अधिक क्षमता वाली और 4 मीटर से बड़ी स्पोर्ट यूटिलिटी और मल्टीपर्पस गाड़ियां अब 40 प्रतिशत टैक्स के दायरे में आएंगी।