भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की खपत में जून में 1.9% की वृद्धि
पेट्रोलियम उत्पादों की खपत में वृद्धि
नई दिल्ली: पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, भारत में पेट्रोल, डीजल और एलपीजी जैसे पेट्रोलियम उत्पादों की खपत जून में 1.9 प्रतिशत बढ़कर 20.31 मिलियन मीट्रिक टन हो गई, जो पिछले वर्ष इसी महीने में 19.94 मिलियन टन थी।
जून में पेट्रोल की बिक्री में 6.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो देश में कारों और दोपहिया वाहनों की बिक्री में वृद्धि, ग्रामीण मांग में सुधार और कृषि क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन के कारण हुई।
इस वर्ष जून में डीजल की मांग, जो कृषि और परिवहन दोनों क्षेत्रों में सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला ईंधन है, पिछले वर्ष की तुलना में 1.6 प्रतिशत बढ़कर 8.11 मिलियन मीट्रिक टन हो गई।
डीजल की खपत में वृद्धि अर्थव्यवस्था के कृषि और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में उच्च आर्थिक गतिविधि को दर्शाती है, क्योंकि यह बिक्री में लगभग 40 प्रतिशत का योगदान करता है।
एलपीजी की बिक्री भी पिछले वर्ष की तुलना में 9.1 प्रतिशत बढ़कर 2.53 मिलियन मीट्रिक टन हो गई, जो बढ़ती आय और सरकार की उज्ज्वला योजना के कारण अधिक परिवारों द्वारा रसोई गैस के उपयोग को दर्शाती है। इसके अलावा, होटलों और रेस्तरां में भी एलपीजी की व्यावसायिक खपत में वृद्धि हुई है।
नेफ्था, जो उर्वरक बनाने में उपयोग होता है, की बिक्री इस महीने में 2 प्रतिशत बढ़कर 1.03 मिलियन मीट्रिक टन हो गई।
हालांकि, जून में मानसून के जल्दी आने के कारण महीने-दर-महीने आधार पर पेट्रोलियम उत्पादों की बिक्री में पिछले महीने की तुलना में 4.7 प्रतिशत की गिरावट आई है।
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल उपभोक्ता और आयातक है।
इसके अतिरिक्त, केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि सरकार भारत की ऊर्जा क्षमताओं को उन्नत करने के लिए नॉर्वे की विभिन्न परियोजनाओं पर विचार कर रही है।
पुरी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऊर्जा सुरक्षा हासिल करने के भारत के प्रयासों को गति प्रदान करने के लिए मैंने नॉर्वे के बर्गन में नॉर्दर्न लाइट्स सीओ2 टर्मिनल का दौरा किया। यह नॉर्वे सरकार द्वारा फंडिंड और इक्विनोर, शेल और टोटल एनर्जीज की साझेदारी वाली कार्बन भंडारण की सबसे बड़ी परियोजना है।"