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भारत में रोजगार सृजन की नई दिशा: 3.5 करोड़ नौकरियों का लक्ष्य

केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने 2026 में 3.5 करोड़ नौकरियों के सृजन का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि सरकार तकनीकी सेवाओं और लेबर कोड्स के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित करेगी, जिससे कार्यस्थलों पर समानता और स्पष्टता बढ़ेगी। इसके अलावा, ईपीएफओ में सुधार और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी। हालांकि, ट्रेड यूनियनों ने इन कोड्स का विरोध किया है। जानें इस योजना के बारे में और अधिक जानकारी।
 

2026 में तकनीकी सेवाओं पर ध्यान केंद्रित


केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि 2025 भारत के श्रम और रोजगार क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण वर्ष साबित हुआ है। उन्होंने बताया कि 2026 में सरकार का ध्यान तकनीकी सेवाओं, प्रभावी कार्यान्वयन और श्रम कोड के नियमों के कार्यान्वयन पर होगा। इससे कार्यस्थलों पर स्पष्टता और समानता बढ़ेगी, जिससे भारत एक आधुनिक और समावेशी श्रम बाजार की ओर बढ़ेगा।


3.5 करोड़ रोजगार सृजन का लक्ष्य

मांडविया ने कहा कि प्रधानमंत्री की विकसित भारत रोजगार योजना के तहत अगले दो वर्षों में 3.5 करोड़ नौकरियों का सृजन किया जाएगा, जिसके लिए लगभग एक लाख करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले 10 वर्षों में सामाजिक सुरक्षा कवरेज 19 प्रतिशत से बढ़कर 64 प्रतिशत हो गया है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली है।


लेबर कोड का कार्यान्वयन

सरकार ने चारों लेबर कोड्स को लागू करने की प्रक्रिया को तेज कर दिया है, जो कि पांच साल के लंबे इंतजार के बाद हो रहा है। इन कोड्स के नियमों के लागू होने के बाद, 2026 में ये पूरी तरह प्रभावी हो जाएंगे, जिससे श्रमिकों के लिए न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी।


ईपीएफओ में सुधार

मंत्री ने बताया कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में सुधारों से निकासी प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, जिससे करोड़ों सदस्यों को अपने फंड तक तेजी से पहुंच प्राप्त हुई है। ई-श्रम पोर्टल और नेशनल करियर सर्विस जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म भी श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा और रोजगार सेवाएं प्रदान कर रहे हैं।


ट्रेड यूनियनों का विरोध

हालांकि, कई केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने इन लेबर कोड्स का विरोध किया है, इन्हें श्रमिक-विरोधी बताते हुए चेतावनी दी है कि यदि सरकार नियमों को अधिसूचित करने की प्रक्रिया आगे बढ़ाती है, तो वे और कड़े आंदोलन करेंगे।