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भारत में श्रम सुधार: नए श्रम संहिताओं का स्वागत

भारत में चार नई श्रम संहिताओं के लागू होने पर उद्योग के नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। इस ऐतिहासिक निर्णय को सुरक्षित और सम्मानजनक कार्यस्थल सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और मनसुख मांडविया ने इन सुधारों के माध्यम से श्रमिकों को सशक्त बनाने और व्यापार में आसानी को बढ़ावा देने की बात की है। जानें इन सुधारों के पीछे का उद्देश्य और उनके संभावित लाभ क्या हैं।
 

श्रम संहिताओं का ऐतिहासिक निर्णय

नई दिल्ली: उद्योग के प्रमुख संगठन नैसकॉम और केंद्रीय मंत्रियों ने शुक्रवार को चार नई श्रम संहिताओं के लागू होने के केंद्र के निर्णय की सराहना की। केंद्रीय मंत्रियों ने इसे सुरक्षित और सम्मानजनक कार्यस्थल सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस कदम को श्रम सुधारों का नया अध्याय बताया। उन्होंने लिखा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में आज सरकार द्वारा लागू किए गए चार लेबर कोड श्रमिकों को सशक्त बनाने, व्यापार में आसानी को बढ़ावा देने और सुरक्षित कार्यस्थल सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं।”


गोयल ने आगे कहा कि ये सुधार नारी और युवा शक्ति को नए अवसर प्रदान करेंगे और ‘विकसित भारत’ के संकल्प को आगे बढ़ाएंगे। केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि यह सुधार केवल एक बदलाव नहीं है, बल्कि पीएम मोदी द्वारा श्रमिकों के कल्याण के लिए लिया गया ऐतिहासिक निर्णय है। उन्होंने एक्स पर नई श्रम संहिताओं के लागू होने की जानकारी साझा की।


मांडविया ने लिखा, “सभी श्रमिकों को समय पर न्यूनतम वेतन की गारंटी, युवाओं को नियुक्ति पत्र की गारंटी, 40 करोड़ श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा की गारंटी, महिलाओं को समान वेतन और सम्मान की गारंटी, फिक्स टर्म एम्प्लॉईस को एक वर्ष बाद ग्रेच्युटी की गारंटी, ओवरटाइम पर दुगने वेतन की गारंटी, जोखिम भरे क्षेत्रों के श्रमिकों को 100 प्रतिशत स्वास्थ्य सुरक्षा की गारंटी, अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार श्रमिकों को सामाजिक न्याय की गारंटी और 40 वर्ष से अधिक आयु के श्रमिकों को सालाना मुफ्त स्वास्थ्य जांच की गारंटी जैसे नियम पेश किए गए हैं।” उन्होंने कहा कि ये नए श्रम सुधार ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं और विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को नई गति देंगे।


केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने नए श्रम सुधारों को ‘विकसित भारत’ का आधार स्तंभ बताया। उन्होंने लिखा, “पीएम मोदी के नेतृत्व में नए श्रम सुधार विकसित भारत के आधार स्तंभ हैं और श्रमिकों के जीवन में बड़े बदलाव लाने के साथ ही विकसित भारत की यात्रा को गति प्रदान करेंगे।” नैसकॉम ने लेबर कोड को लेकर कहा कि सरकार का यह कदम भारत के श्रम ढांचे को आधुनिक बनाने की कोशिशों में एक महत्वपूर्ण पड़ाव है।


नैसकॉम ने कहा, “बिजनेस लीडर्स के लिए इसका मतलब है कि नए ढांचे में बदलाव संरचित और क्रमबद्ध होगा और हम एक आसान बदलाव की उम्मीद कर सकते हैं।” उद्योग के इस शीर्ष निकाय ने कहा कि आर्थिक दृष्टिकोण से ये कोड सामाजिक सुरक्षा को बढ़ाते हैं, कार्यस्थल पर सुरक्षा और स्वास्थ्य को मजबूत करते हैं और वेतन और नौकरी की शर्तों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करते हैं।