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भारत में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले पासवर्ड की सूची में '123456' का दबदबा

हाल ही में एक रिपोर्ट में यह बताया गया है कि भारत में '123456' लगातार दूसरे वर्ष सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला पासवर्ड बना हुआ है। नॉर्डपास द्वारा किए गए विश्लेषण में यह भी सामने आया है कि भारतीय उपयोगकर्ता कमजोर पासवर्ड का चयन कर रहे हैं, जिससे उनकी ऑनलाइन सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है। रिपोर्ट में अन्य सामान्य पासवर्ड और उनकी सुरक्षा कमजोरियों के बारे में भी जानकारी दी गई है। जानें और क्या हैं ये पासवर्ड और कैसे आप अपनी सुरक्षा को बेहतर बना सकते हैं।
 

भारत में पासवर्ड सुरक्षा की स्थिति

नई दिल्ली - हाल ही में एक रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि भारत में '123456' लगातार दूसरे वर्ष सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला पासवर्ड बना हुआ है। यह जानकारी बुधवार को साझा की गई।


पासवर्ड प्रबंधन सेवा नॉर्डपास ने 44 देशों के उपयोगकर्ताओं द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पासवर्ड का विश्लेषण किया, जिसमें विशेष ध्यान विभिन्न पीढ़ियों द्वारा उपयोग किए जाने वाले पासवर्ड पर दिया गया। रिपोर्ट में यह बताया गया कि भारतीय उपयोगकर्ता कमजोर और अनुमानित पासवर्ड का चयन कर रहे हैं।


सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले पासवर्ड में '123456' पहले स्थान पर है। इसके बाद 'पास एटदरेट 123', 'एडीएमआईएन', '12345678', '12345' और '123456789' जैसे पासवर्ड शामिल हैं। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया है कि 'एडीएमआईएन एटदरेट 123', 'पासवर्ड एटदरेट 123' और 'एबीसीडी एटदरेट 1234' जैसे पासवर्ड को आसानी से अनुमानित किया जा सकता है, भले ही इनमें विशेष वर्ण शामिल हों।


रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कई भारतीय उपयोगकर्ता अपने पासवर्ड को मजबूत बनाने के लिए विशेष वर्णों का उपयोग करना चाहते हैं, लेकिन सरल पैटर्न के कारण हैकर्स इन्हें आसानी से पहचान लेते हैं। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि नामों के आधार पर बनाए गए पासवर्ड भले ही अनोखे लगें, लेकिन ऑटोमेटेड हमलों के जरिए इन्हें तोड़ना आसान है। भारत में ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी '123456' सबसे अधिक उपयोग किया जाने वाला पासवर्ड है। इसके बाद 'एडीएमआईएन' और '12345678' का स्थान है।


नॉर्डपास के उत्पाद प्रमुख, कैरोलिस अर्बासियाउस्कास ने कहा कि वर्षों से चल रहे जागरूकता अभियानों के बावजूद पासवर्ड सुरक्षा में सुधार धीमा है। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक पासकी जैसी पासवर्ड-मुक्त प्रमाणीकरण विधियाँ व्यापक नहीं होतीं, तब तक मजबूत और विशिष्ट पासवर्ड का होना आवश्यक है। उन्होंने बताया, "लगभग 80 प्रतिशत डेटा उल्लंघन कमजोर, पुनः उपयोग किए गए या छेड़छाड़ किए गए पासवर्ड के कारण होते हैं।" रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि पासवर्ड चयन में पीढ़ीगत अंतर बहुत कम है।


18 वर्ष के युवा उपयोगकर्ताओं के बीच लोकप्रिय पासवर्ड 80 वर्ष के लोगों द्वारा उपयोग किए जाने वाले पासवर्ड से काफी मिलते-जुलते हैं। '12345' और '123456' जैसे पासवर्ड हर आयु वर्ग में पसंद किए जाते हैं।