भारत में स्टेनलेस स्टील की खपत में 8% की वृद्धि का अनुमान: आईएसएसडीए
स्टेनलेस स्टील की खपत में वृद्धि
जिंदल स्टेनलेस के चेयरमैन रतन जिंदल ने कहा कि यदि भारत एक वैश्विक विनिर्माण महाशक्ति बनना चाहता है, तो स्टेनलेस स्टील इसकी नींव में से एक होना चाहिए। उन्होंने भविष्यवाणी की कि 2047 तक स्टेनलेस स्टील की खपत 20 मिलियन टन से अधिक हो जाएगी। इसके लिए उत्पादन क्षमता बढ़ाने, अनुसंधान में निवेश करने, डिजिटल तकनीक का उपयोग बढ़ाने और छोटे एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) के लिए समान अवसर सुनिश्चित करने की आवश्यकता है। उन्होंने सरकार के समर्थन की सराहना की, जिसने मेक इन इंडिया और बुनियादी ढांचे में निवेश से इस क्षेत्र को मजबूत किया है।
आईएसएसडीए के अध्यक्ष राजामणि कृष्णमूर्ति ने कहा कि जैसे-जैसे दुनिया स्थिरता की ओर बढ़ रही है, स्टेनलेस स्टील की प्रासंगिकता बढ़ती जा रही है। हालांकि, अनुचित मूल्य वाले आयात घरेलू निर्माताओं के लिए चुनौती बने हुए हैं। आईएसएसडीए ने इन खतरों के प्रति सावधानी बरतने की चेतावनी दी है, खासकर चीन और वियतनाम जैसे देशों से।
सरकार और उद्योग के हितधारकों को भारतीय स्टेनलेस स्टील उद्योग के हितों की सुरक्षा के लिए सतर्क रहना होगा और आयात के रुझानों पर नजर रखनी होगी। आईएसएसडीए इन चुनौतियों का सामना करने और उद्योग की दीर्घकालिक वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। वर्तमान में भारत की स्टेनलेस स्टील उत्पादन क्षमता 7.5 मिलियन टन है, जिसमें लगभग 60% क्षमता का उपयोग हो रहा है।