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भारत-यूके संबंधों में नया अध्याय: मोदी और स्टारमर की ऐतिहासिक बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने मुंबई में एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें भारत-यूके संबंधों के नए युग की शुरुआत की घोषणा की गई। इस बैठक में व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) पर हस्ताक्षर किए गए, जिससे व्यापार में वृद्धि और रोजगार के नए अवसरों की उम्मीद जताई गई। इसके अलावा, ब्रिटेन के प्रमुख विश्वविद्यालयों के भारत में कैंपस खोलने की योजना भी साझा की गई। इस यात्रा के दौरान, 126 ब्रिटिश कंपनियों ने भारत में व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करने का संकल्प लिया।
 

भारत-यूके संबंधों की नई शुरुआत

भारत-यूके संबंध: गुरुवार को मुंबई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर के बीच द्विपक्षीय वार्ता हुई, जिसके बाद दोनों नेताओं ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। इस अवसर पर, दोनों देशों के बीच सहयोग के एक नए युग की शुरुआत की घोषणा की गई। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के संबंध अब एक नई ऊँचाई पर पहुँच चुके हैं, विशेषकर हाल ही में व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (CETA) पर हस्ताक्षर के बाद।


व्यापार के नए अवसर

व्यापार के नए द्वार

प्रधानमंत्री मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि सीईटीए से दोनों देशों को कई लाभ होंगे। इससे न केवल व्यापार में वृद्धि होगी, बल्कि आयात की लागत में भी कमी आएगी और युवाओं के लिए नए रोजगार के अवसर उत्पन्न होंगे। उन्होंने कहा कि यह समझौता उद्योगों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए लाभकारी साबित होगा। प्रधानमंत्री स्टारमर की भारत यात्रा और उनके साथ आए सबसे बड़े व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल ने इस बात का प्रमाण दिया है कि दोनों देश सहयोग को नई दिशा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।


शिक्षा क्षेत्र में महत्वपूर्ण कदम

शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक कदम

प्रधानमंत्री मोदी ने एक और महत्वपूर्ण घोषणा की कि इस बार ब्रिटेन से शिक्षा क्षेत्र का सबसे प्रभावशाली प्रतिनिधिमंडल भारत आया है। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन के नौ प्रमुख विश्वविद्यालय भारत में अपने कैंपस खोलने के लिए तैयार हैं। यह निर्णय भारत के शिक्षा क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है, जो दोनों देशों के बीच शैक्षिक और सांस्कृतिक संबंधों को और मजबूत करेगा।


भारत की विकास यात्रा की सराहना

भारत की विकास गाथा प्रेरणादायक: कीर स्टारमर

ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने भारत की आर्थिक प्रगति की सराहना की। उन्होंने कहा कि मुंबई में मिलना प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश की तेज़ गति से हो रही तरक्की का केंद्र है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के 2028 तक भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने और 2047 तक पूरी तरह से विकसित देश बनने के लक्ष्य की प्रशंसा की।


व्यापारिक साझेदारी को नई ऊर्जा

व्यापारिक साझेदारी को नई ऊर्जा

स्टारमर ने कहा कि उनकी भारत यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के व्यापार संबंधों को नई गति देना है। उन्होंने इस यात्रा में 126 ब्रिटिश कंपनियों को भारत लाकर इस साझेदारी की गंभीरता और महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ब्रिटेन भारत की विकास यात्रा में एक विश्वसनीय सहयोगी बनना चाहता है।