भारत-रूस संबंधों को मजबूत करने की दिशा में पुतिन और डोभाल की महत्वपूर्ण वार्ता
क्रेमलिन में हुई महत्वपूर्ण बैठक
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बीच गुरुवार को क्रेमलिन में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी ने बताया कि यह वार्ता मास्को में द्विपक्षीय सुरक्षा संवाद के तहत आयोजित की गई थी, जिसमें दोनों देशों ने अपनी 'रणनीतिक साझेदारी' को और मजबूत करने का संकल्प लिया।
अमेरिका के टैरिफ के बीच वार्ता
यह उच्चस्तरीय वार्ता उस समय हुई जब अमेरिका और भारत के बीच व्यापारिक तनाव बढ़ रहा है। हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत से आयातित वस्तुओं पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाने का आदेश दिया, जिससे कुल शुल्क दर 50% तक पहुंच गई है। इस टैरिफ का कारण भारत द्वारा रूस से रियायती दर पर कच्चे तेल की निरंतर खरीद को बताया गया है।
अमेरिकी प्रशासन की चेतावनी
ट्रंप प्रशासन ने चेतावनी दी है कि यदि रूस ने यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के संकेत नहीं दिए, तो रूसी तेल खरीदने वाले देशों पर द्वितीयक प्रतिबंध लगाए जाएंगे। ये प्रतिबंध शुक्रवार से लागू हो सकते हैं। भारत ने इस अमेरिकी निर्णय की आलोचना करते हुए इसे 'अनुचित और अविवेकपूर्ण' करार दिया है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि भारत अपनी आर्थिक संप्रभुता की रक्षा के लिए हर संभव कदम उठाएगा। उन्होंने कहा कि भारतीय ऊर्जा आयात देश के 1.4 अरब लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखकर किया जाता है, न कि किसी दबाव में।
पुतिन की भारत यात्रा की योजना
अजीत डोभाल ने अपनी मास्को यात्रा के दौरान रूसी सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगू से भी मुलाकात की। इस बैठक में उन्होंने बताया कि राष्ट्रपति पुतिन इस वर्ष के अंत तक भारत की यात्रा करेंगे। यह यात्रा रूस-यूक्रेन संघर्ष के बाद पुतिन की पहली भारत यात्रा होगी। डोभाल ने कहा कि भारत इस प्रस्तावित शिखर वार्ता को लेकर उत्साहित है और इसे द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण अवसर मानता है। उन्होंने पिछले वर्षों में भारत-रूस सम्मेलनों को 'ऐतिहासिक क्षण' बताया।
प्रधानमंत्री मोदी का स्पष्ट संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में एक भावनात्मक भाषण दिया। अमेरिका का नाम लिए बिना उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत किसी भी प्रकार के बाहरी दबाव के आगे नहीं झुकेगा, चाहे इसके लिए कितनी भी कीमत चुकानी पड़े।