भारत-रूस संबंधों पर ट्रंप के दावे का सच: तेल खरीद में वृद्धि
भारत पर टैरिफ का ऐलान
भारत और अमेरिका के संबंध: पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कई देशों पर टैरिफ लगाने की घोषणा की, जिसमें भारत भी शामिल है। इन टैरिफ की दरें विभिन्न देशों के लिए अलग-अलग निर्धारित की गई हैं। प्रारंभ में भारत पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया, जिसे बाद में रूस से तेल खरीदने के कारण 50 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया। हालांकि, इससे पहले ट्रंप ने भारत को चेतावनी भी दी थी। इसी तरह की धमकियां उन्होंने रूस को भी दी थीं, जब वह पुतिन से मिलने वाले थे।
रूस से तेल की खरीद में वृद्धि
ट्रंप ने कहा था कि अगर शांति समझौते पर सहमति नहीं बनी, तो अमेरिका रूस पर और अधिक प्रतिबंध लगाएगा। मीटिंग के बाद ट्रंप ने यह दावा किया कि भारत ने रूस से तेल खरीदना बंद कर दिया है। लेकिन हाल ही में आई एक रिपोर्ट में यह सामने आया है कि भारत में रूस से तेल की खरीद पहले से भी अधिक हो गई है।
रिपोर्ट में वृद्धि का खुलासा
बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में रूस से तेल की खरीद में 2 मिलियन बैरल प्रतिदिन की वृद्धि हुई है। वैश्विक डेटा कंपनी केप्लर के अनुसार, अगस्त में भारत ने लगभग 5.2 मिलियन बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल में से 38 प्रतिशत रूस से आयात किया। जुलाई में यह आंकड़ा 16 लाख बैरल प्रतिदिन था।
ट्रंप की धमकियों का असर
ट्रंप ने अलास्का में पुतिन से मुलाकात से पहले कहा था कि यदि समझौता नहीं हुआ, तो भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने रूस को भी चेतावनी दी थी कि यदि बात नहीं बनी, तो इसके गंभीर परिणाम होंगे। मुलाकात के बाद न तो यूक्रेन-रूस में सीजफायर पर कोई चर्चा हुई और न ही ट्रंप की धमकियों पर कोई कार्रवाई हुई। इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ट्रंप से मिलने वाले हैं।