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भारत-रूस संबंधों में नई मजबूती: जयशंकर की पुतिन से महत्वपूर्ण मुलाकात

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की, जिसमें द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा की गई। उन्होंने अमेरिका की टैरिफ नीति की आलोचना की और भारत की ऊर्जा रणनीति पर जोर दिया। इस यात्रा का उद्देश्य चीन के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए भारत-रूस संबंधों को और मजबूत करना है। दोनों पक्षों ने भविष्य में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है।
 

भारत-रूस संबंधों की मजबूती

भारत-रूस संबंध: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने गुरुवार को मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात की और रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव के साथ भी महत्वपूर्ण चर्चा की। इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य चीन के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए भारत और रूस के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करना है, खासकर व्यापार, ऊर्जा और रणनीतिक साझेदारी के क्षेत्रों में।


अमेरिका की टैरिफ नीति पर कड़ी प्रतिक्रिया

जयशंकर ने पुतिन से बातचीत के बाद पत्रकारों से कहा कि उन्होंने अमेरिका की टैरिफ नीति की आलोचना की। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका द्वारा रूसी तेल पर लगाए गए 50% टैरिफ का तर्क समझ से परे है, क्योंकि भारत न तो रूस का सबसे बड़ा तेल आयातक है और न ही LNG का प्रमुख खरीदार। उन्होंने यह भी बताया कि अमेरिका ने हाल के वर्षों में भारत को रूस से तेल खरीदने का सुझाव दिया था, जबकि भारत ने अमेरिका से भी तेल की खरीद बढ़ाई है। ऐसे में, यह टैरिफ नीति अनुचित है।


ऊर्जा साझेदारी पर जोर

जयशंकर ने इस दौरान भारत की ऊर्जा रणनीति की बात की, जो सततता और विविधता पर आधारित है, न कि किसी एक देश पर निर्भरता पर। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिकी दबाव में नहीं आएगा और अपनी रणनीतिक स्वायत्तता बनाए रखेगा।


भविष्य की दिशा

जयशंकर की यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों में संतुलन बनाए रखने का संकेत है। पुतिन की इस साल के अंत में भारत यात्रा की तैयारी में यह यात्रा महत्वपूर्ण साबित होगी। दोनों पक्षों ने भविष्य में आर्थिक, सांस्कृतिक, तकनीकी और रक्षा सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई है।