भारत सरकार का विशेष अभियान: पश्चिम एशिया से नागरिकों की सुरक्षित वापसी
भारत सरकार का नागरिकों की सुरक्षित वापसी का प्रयास
पश्चिम एशिया में बढ़ते तनाव और संघर्ष के मद्देनजर, भारत सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षित वापसी के लिए विशेष अभियान चला रही है। इस संदर्भ में, भारतीय वायुसेना ने जॉर्डन और मिस्र से सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों के माध्यम से भारतीय नागरिकों और मित्र देशों के लोगों को सुरक्षित निकालने का कार्य शुरू किया है। भारतीय वायुसेना संकट के इस समय में न केवल देशवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी जिम्मेदारी निभा रही है। यह कदम दर्शाता है कि जब भी दुनिया में संकट उत्पन्न होता है, भारत हमेशा मदद के लिए आगे आता है। ईरान और इजरायल के बीच तनाव बढ़ने के बाद से भारतीय नागरिकों को निकालने का कार्य लगातार जारी है।
इजरायल से भारतीयों की वापसी का ऑपरेशन सिंधु
इजरायल से भारतीयों की वापसी का कार्य ऑपरेशन सिंधु के तहत चल रहा है। सोमवार को 443 भारतीय नागरिकों का दूसरा जत्था जॉर्डन और मिस्र के रास्ते स्वदेश के लिए रवाना हुआ, जिसमें 175 और 268 लोगों के दो समूह शामिल थे। इस प्रकार, युद्धग्रस्त देश से निकाले गए भारतीयों की कुल संख्या 603 हो गई है। रविवार को जॉर्डन के लिए 160 लोगों का पहला जत्था रवाना हुआ था, जो आज स्थानीय समयानुसार दोपहर 2:15 बजे विमान में सवार हुए। यह जानकारी विमान पर सवार एक व्यक्ति ने प्रस्थान से पहले साझा की।
निकासी प्रयासों में समन्वय और नियंत्रण
नई दिल्ली और तीनों मिशनों के बीच समन्वित प्रयासों ने इजरायल में भारतीय नागरिकों को राहत प्रदान की है, जो लगातार गूंजते सायरन और ईरान के मिसाइल और ड्रोन हमलों से बचने के लिए बंकरों में शरण ले रहे थे। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, तेल अवीव में भारतीय दूतावास ने निकासी प्रयासों की निगरानी के लिए पिछले सप्ताह 24 घंटे काम करने वाला नियंत्रण कक्ष स्थापित किया था। इस नियंत्रण कक्ष ने बदलती स्थिति के अनुसार सलाह जारी की और भारतीय नागरिकों को एक ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करने का निर्देश दिया।