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भारतीय कॉरपोरेट सेक्टर में मुनाफे में गिरावट का संकट

जून में 771 कंपनियों के औसत मुनाफे में गिरावट आई है, जो पिछले साल की तुलना में आठ प्रतिशत कम है। आईटी क्षेत्र में छंटनी और मांग में कमी के कारण भारतीय कॉरपोरेट सेक्टर संकट में है। टीसीएस ने अपने कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की है, जिससे रोजगार के अवसरों में कमी आने की संभावना है। जानें इस स्थिति के पीछे के कारण और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
 

कॉरपोरेट मुनाफे में कमी

जून महीने में 771 कंपनियों (बैंक और वित्तीय संस्थानों को छोड़कर) के औसत मुनाफे में कमी आई है। पिछले साल के आंकड़ों की तुलना में, इनका औसत मुनाफा आठ प्रतिशत घट गया है।


सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनियों के मुनाफे में कमी और कर्मचारियों की छंटनी की खबरों के बाद, अब पूरे कॉरपोरेट क्षेत्र से आए आंकड़े भारतीय बाजार में गहराते संकट का संकेत दे रहे हैं। जून में 771 कंपनियों (बैंक और वित्तीय कंपनियों को छोड़कर) के औसत मुनाफे में पिछले दो तिमाहियों की तुलना में गिरावट आई है। साल भर पहले के आंकड़ों की तुलना में, इनका औसत मुनाफा आठ प्रतिशत कम हुआ है। यह स्थिति तब है जब इस अवधि में औसत लागत में कमी आई है। माना जा रहा है कि इस वर्ष की पहली छमाही में मांग में वृद्धि के जो अनुमान लगाए गए थे, वे पूरे नहीं हुए।


इस दौरान आईटी क्षेत्र की तीन प्रमुख कंपनियों- इन्फोसिस, एचसीएल टेक और विप्रो- का मुनाफा घटा, जबकि टीसीएस के मुनाफे में मामूली वृद्धि हुई। इसी बीच, टीसीएस ने अपने दो प्रतिशत (लगभग 12,500) कर्मचारियों की छंटनी की घोषणा की। विशेषज्ञों के अनुसार, टीसीएस की यह पहल अब आईटी क्षेत्र में एक स्थायी प्रवृत्ति बन सकती है। बाजार में मांग की कमी के कारण भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र की गतिविधियों में विस्तार की कोई उम्मीद नहीं है। इसके अलावा, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ युद्ध ने बाहरी बाजार की स्थिति को भी प्रभावित किया है। देशी और विदेशी कॉरपोरेट्स को सेवाएं प्रदान करना आईटी कंपनियों का मुख्य व्यवसाय है।


चूंकि ये कंपनियां आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का अधिक से अधिक उपयोग कर रही हैं, इसलिए रोजगार के अवसरों में कमी आना भी निश्चित माना जा रहा है। इसके परिणामस्वरूप, आमदनी में गिरावट आएगी। इस स्थिति में उपभोग और बाजार की मांग और भी खराब हो सकती है। यह ध्यान देने योग्य है कि देश में आईटी क्षेत्र स्थायी रोजगार का एक बड़ा स्रोत रहा है। हर साल इंजीनियरिंग कॉलेजों से निकलने वाले हजारों ग्रैजुएट्स को यहां रोजगार मिलता रहा है। लेकिन जब छंटनी की स्थितियां बन रही हों और सामान्य कॉरपोरेट क्षेत्र के विस्तार की उम्मीद कम हो, तो नए रोजगार के अवसर बनना मुश्किल है।