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भारतीय क्रिकेट टीम के लिए नए टाइटल स्पॉन्सर की तलाश

बीसीसीआई को एशिया कप 2025 से पहले ड्रीम 11 से झटका लगा है, जिसने स्पॉन्सरशिप से अपना नाम वापस ले लिया है। अब सवाल यह है कि क्या भारतीय टीम बिना टाइटल स्पॉन्सर के खेलेगी या कोई नई कंपनी ड्रीम 11 की जगह लेगी। कई कंपनियों के नाम सामने आ रहे हैं, जिनमें फिनटेक कंपनियां और बड़े समूह शामिल हैं। जानें कौन-कौन सी कंपनियां इस स्पॉन्सरशिप के लिए दावेदार हैं और क्या संभावनाएं हैं।
 

भारतीय टीम को मिला बड़ा झटका

भारतीय टीम का नया टाइटल स्पॉन्सर: एशिया कप 2025 के आयोजन से पहले बीसीसीआई को एक महत्वपूर्ण झटका लगा है। केंद्र सरकार द्वारा पेश किए गए ऑनलाइन गेमिंग बिल के चलते ड्रीम 11 ने भारतीय टीम की स्पॉन्सरशिप से अपना नाम वापस ले लिया है। अब यह सवाल उठता है कि क्या भारतीय टीम एशिया कप में बिना किसी टाइटल स्पॉन्सर के खेलेगी या कोई अन्य कंपनी ड्रीम 11 की जगह लेगी। इस संदर्भ में कुछ कंपनियों के नाम सामने आ रहे हैं, जो बीसीसीआई के टाइटल स्पॉन्सर बनने की दौड़ में शामिल हैं।


मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एशिया कप 2025 का आयोजन दुबई और अबू धाबी में 9 सितंबर से शुरू होकर 28 सितंबर तक चलेगा। कुछ सूत्रों का कहना है कि टीम इंडिया की जर्सी पहले से ही छप चुकी है, जिसमें ड्रीम 11 को टाइटल स्पॉन्सर के रूप में दर्शाया गया है। हालांकि, यह जर्सी टूर्नामेंट में उपयोग नहीं की जाएगी। यदि बीसीसीआई कोई नया साझेदारी समझौता नहीं कर पाता है, तो टीम इंडिया एशिया कप में बिना टाइटल स्पॉन्सर के उतरेगी। इस बीच, फिनटेक कंपनियों और अन्य संगठनों के नाम सामने आए हैं, जिनके साथ बीसीसीआई की डील होने की संभावना है।


ट्रेड ब्रेंस वेबसाइट की एक रिपोर्ट के अनुसार, ज़ेरोधा, एंजेल वन और ग्रो जैसी कंपनियों ने पिछले वर्ष में ग्राहकों का एक बड़ा आधार तैयार किया है। ये फिनटेक कंपनियां बीसीसीआई की टाइटल स्पॉन्सरशिप की प्रमुख दावेदार मानी जा रही हैं। इसके अलावा, रिलायंस, टाटा और अदानी समूह जैसे बड़े समूह भी इसे एक आकर्षक स्पॉन्सरशिप अवसर के रूप में देख सकते हैं। टाटा पहले से ही आईपीएल का आधिकारिक टाइटल स्पॉन्सर है, जबकि रिलायंस के पास मुंबई इंडियंस के साथ-साथ जियोहॉटस्टार पर आईपीएल प्रसारण अधिकार भी हैं। अदानी समूह ने खेल उद्योग में भी कदम रखा है और महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) की एक फ्रैंचाइज़ी, गुजरात जायंट्स का मालिक है।


रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि ऑटोमोबाइल और FMCG क्षेत्र की कंपनियां भी इस स्पॉन्सरशिप के लिए प्रबल दावेदार हो सकती हैं। पिछले कुछ वर्षों में, इन कंपनियों ने कई क्रिकेट आयोजनों को स्पॉन्सर किया है। महिंद्रा और टोयोटा जैसी ऑटोमोबाइल कंपनियां उपभोक्ताओं से जुड़ाव बढ़ाने के लिए इस अवसर का लाभ उठा सकती हैं। इसी तरह, पेप्सी जैसे FMCG ब्रांड, जो खेल स्पॉन्सरशिप में लंबे समय से सक्रिय हैं, इसे एक और आकर्षक अवसर के रूप में देख सकते हैं।