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भारतीय ट्रेनों के 5 अंकों के नंबर का रहस्य: जानें क्या है इसका महत्व

भारतीय ट्रेनों के 5 अंकों के नंबर का रहस्य जानें। यह नंबर कोच की जानकारी देता है, जिसमें निर्माण वर्ष और श्रेणी शामिल है। जानें क्यों कुछ ट्रेनों का नंबर 0 से शुरू होता है और इसके पीछे का महत्व। इस लेख में हम आपको बताएंगे कि कैसे आप इन नंबरों के माध्यम से ट्रेनों की पहचान कर सकते हैं।
 

भारतीय रेलवे का अनोखा रहस्य

भारत में ट्रेनों से यात्रा करना यात्रियों के लिए एक सस्ता, सरल और सुविधाजनक विकल्प है। रेलवे ने यात्रियों की सुविधा के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जिससे भारतीय रेलवे विश्व स्तर पर एक उदाहरण बन चुका है। सोशल मीडिया पर भी समय-समय पर भारतीय रेलवे से जुड़े रोचक तथ्य और रिकॉर्ड वायरल होते रहते हैं। हाल ही में एक ऐसा तथ्य सामने आया है, जिसके बारे में शायद ही किसी को पता होगा। यह तथ्य भारतीय ट्रेनों के कोच पर अंकित 5 अंकों के नंबर से संबंधित है। क्या आप जानते हैं कि भारतीय ट्रेनों का नंबर 5 अंकों का क्यों होता है? हाल ही में इस रहस्य का खुलासा हुआ है, जिसे हम आज साझा करेंगे।



5 अंकों में छिपी जानकारी

यदि आप नहीं जानते हैं, तो जान लें कि भारतीय ट्रेनों का 5 अंकों का नंबर इसलिए होता है क्योंकि यह कोच की पूरी जानकारी प्रदान करता है। पहले दो अंक कोच के निर्माण वर्ष को दर्शाते हैं, जबकि अंतिम तीन अंक कोच की श्रेणी (जैसे AC, स्लीपर, जनरल) को दर्शाते हैं। यह प्रणाली 2010 में लागू की गई थी ताकि ट्रेनों की संख्या को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सके।


ट्रेन के नंबर में शून्य का महत्व

भारत में कई ट्रेनें ऐसी हैं जिनका नंबर 0-5 के बीच होता है। आप सोच रहे होंगे कि ट्रेन का प्रारंभिक अंक 0 क्यों होता है? आपको बता दें कि जिन ट्रेनों का नंबर 0 से शुरू होता है, वे विशेष श्रेणी में आती हैं। आमतौर पर ये ट्रेनें विशेष अवसरों पर चलाई जाती हैं, जिन्हें हॉलिडे स्पेशल या समर स्पेशल कहा जाता है। कई बार इन्हें त्योहारों पर भी चलाया जाता है।


ट्रेन नंबर के प्रारंभिक अंक

0 – विशेष ट्रेनों के लिए (जैसे, ग्रीष्मकालीन विशेष, अवकाश विशेष, आदि)

1 – सभी लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए, जिनमें राजधानी, शताब्दी, संपर्क क्रांति, गरीब रथ, दुरंतो, आदि शामिल हैं।

2 – लंबी दूरी की ट्रेनों के लिए; इसका उपयोग तब किया जाता है जब किसी श्रृंखला में 1 से शुरू होने वाली ट्रेन संख्या समाप्त हो जाती है।

3 – कोलकाता उपनगरीय ट्रेनों के लिए।

4 – चेन्नई, नई दिल्ली, सिकंदराबाद और अन्य महानगरीय क्षेत्रों में उपनगरीय ट्रेनों के लिए।

5 – पारंपरिक कोच वाली यात्री ट्रेनों के लिए।

6 – मेमू ट्रेनों के लिए।

7 – डीएमयू (डीईएमयू) और रेलकार सेवाओं के लिए।

8 – वर्तमान में आरक्षित के लिए।

9 – मुंबई क्षेत्र की उपनगरीय ट्रेनों के लिए।

अब जब आपने इन नंबरों की जानकारी देख ली है, तो आप किसी भी ट्रेन के प्रारंभिक अंक 0-9 देखकर उसकी पहचान कर सकते हैं।