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भारतीय रेलवे की टिकटिंग प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव

भारतीय रेलवे ने अपनी टिकटिंग प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है, जिससे यात्रियों को अब टिकट कन्फर्मेशन की जानकारी ट्रेन के रवाना होने से 8 घंटे पहले मिलेगी। यह नया नियम यात्रियों के लिए अधिक पारदर्शिता और सुविधा प्रदान करेगा। इसके अलावा, 1 जुलाई से तत्काल टिकट बुकिंग के लिए आधार सत्यापन अनिवार्य होगा, जिससे फर्जी बुकिंग पर रोक लगेगी। जानें इस नई प्रणाली के बारे में और क्या बदलाव आने वाले हैं।
 

टिकट कन्फर्मेशन में नई प्रणाली

भारतीय रेलवे, जो प्रतिदिन लाखों यात्रियों को यात्रा कराने का कार्य करती है, अब अपनी टिकट बुकिंग प्रणाली में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन करने जा रही है। यात्रियों को अब टिकट कन्फर्म होने की सूचना अंतिम क्षण तक नहीं इंतज़ार करनी पड़ेगी। भविष्य में, लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को अधिक पारदर्शिता और सहज अनुभव प्राप्त होगा।


रेल मंत्रालय ने टिकट आरक्षण प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और यात्रियों के अनुकूल बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब ट्रेन के रवाना होने से 8 घंटे पहले यात्रियों को यह जानकारी मिल जाएगी कि उनका टिकट कन्फर्म हुआ है या नहीं। इससे उन यात्रियों को राहत मिलेगी जो पहले अंतिम समय तक वेटिंग लिस्ट के क्लियर होने का इंतज़ार करते थे।


इस प्रस्ताव को रेलवे बोर्ड ने गहन विचार-विमर्श के बाद रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के समक्ष प्रस्तुत किया, जिन्होंने इसे स्वीकृति दी। पहले यह जानकारी आमतौर पर ट्रेन छूटने के कुछ घंटे पहले ही उपलब्ध होती थी, जिससे यात्रियों को वैकल्पिक योजनाएँ बनाने में कठिनाई होती थी।


रेल मंत्रालय की योजना है कि दिसंबर 2025 तक एक नई और उन्नत आरक्षण प्रणाली लागू की जाएगी, जो यात्रियों को अधिक विकल्प और बेहतर सुविधाएँ प्रदान करेगी। इस प्रणाली के माध्यम से न केवल कन्फर्मेशन समय में सुधार होगा, बल्कि बुकिंग प्रक्रिया को भी सरल और बहुभाषीय बनाया जाएगा।


यदि आप तत्काल टिकट बुकिंग का विकल्प चुनते हैं, तो 1 जुलाई से नए नियम लागू होंगे। अब तत्काल टिकट केवल उन्हीं यात्रियों को मिलेगा जिनका आधार सत्यापन पूरा है। इसका मतलब है कि IRCTC की वेबसाइट या ऐप पर बुकिंग करने के लिए आधार से जुड़ना अनिवार्य होगा। इससे फर्जी बुकिंग को रोकने में मदद मिलेगी और वास्तविक यात्रियों को प्राथमिकता मिलेगी।