भारतीय रेलवे के बुनियादी ढांचे में सुधार: 1408 गांवों को मिलेगी नई कनेक्टिविटी
भारतीय रेलवे का बुनियादी ढांचा
भारतीय रेलवे का बुनियादी ढांचा: देश की परिवहन कनेक्टिविटी मुख्य रूप से रेलवे पर निर्भर करती है। केंद्र सरकार ने राज्यों को बड़े रेलवे बुनियादी ढांचे के प्रोजेक्ट्स आवंटित किए हैं। तीन राज्यों में रेलवे लाइनों का विस्तार किया जाएगा, जिससे 1408 गांवों में यातायात कनेक्टिविटी में सुधार होगा। किन्नू राज्यों में 318 किलोमीटर रेलवे ट्रैक के विस्तार से यातायात सुगम होगा.
रेलवे लाइनों का दोहरीकरण
रेलवे लाइनों का दोहरीकरण लगभग 6405 करोड़ रुपये का खर्च
केंद्र सरकार ने झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के लगभग 1408 गांवों को बेहतर कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए दो रेलवे लाइनों को जोड़ने की अनुमति दी है। कोडरमा-बरकाकाना (133 किमी) और बेल्लारी-चिकजाजुर (185 किमी) रेलवे लाइनों का दोहरीकरण लगभग 6405 करोड़ रुपये की लागत से होगा। इन परियोजनाओं से झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के सात जिलों के 28.19 लाख लोग लाभान्वित होंगे।
28.19 लाख लोगों को लाभ
28.19 लाख लोगों को लाभ मिलेगा
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि इन परियोजनाओं में झारखंड, कर्नाटक और आंध्र प्रदेश के सात जिले शामिल हैं। इन जिलों में रहने वाले 1408 गांवों के 28.19 लाख लोग इन परियोजनाओं से लाभान्वित होंगे।
कोयला उत्पादक क्षेत्र से कनेक्टिविटी
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा कि कोडरमा से बरकाकाना के बीच 133 किमी लंबी रेलवे लाइन झारखंड के एक प्रमुख कोयला उत्पादक क्षेत्र से गुजरती है। यह पटना से रांची के बीच का सबसे छोटा और सुविधाजनक रेल संपर्क है। उन्होंने बताया कि इन रेलवे लाइनों के दोहरीकरण से हर साल 49 मिलियन टन अतिरिक्त माल ढुलाई की जा सकेगी।